एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

कन्नौज:प्राइमरी के बच्चों को दे रहे हाईटेक तकनीक से ज्ञान

0 comments

प्राइमरी के बच्चों को दे रहे हाईटेक तकनीक से ज्ञान

छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : यदि मन में लगन हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है। कहा जाता है कि प्राथमिक विद्यालयों में संसाधनों का अभाव रहता है, लेकिन ऐसे ही विद्यालय में तैनात एक शिक्षक हैं, जो कि किताबी ज्ञान को अपने लैपटाप पर तराशकर बच्चों को हाईटेक तकनीक से शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। इसके लिए वह अपने निजी संसाधनों का उपयोग करते हैं। अपने दम पर प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल क्लास तो नहीं, लेकिन डिजिटल तरीका जरूर अपनाया। वह प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की रुचि बढ़े इसके लिए मोबाइल पर ऐप भी तैयार कर रहे हैं।

यहां बात हो रही है गुगरापुर ब्लाक क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात शशिकांत शुक्ला की। इससे पहले वह प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर में सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थे। उन्होंने वर्ष 2009 के विशिष्ट बीटीसी बैच के माध्यम से परिषदीय शिक्षा प्रणाली में प्रवेश किया और वर्ष 2011 में उन्हें प्रथम तैनाती मिली। परिषदीय विद्यालय के बच्चों को कांवेंट विद्यालय के बच्चों के बराबर खड़ा करने की सोच ने उन्हें एक नई दिशा दी। सबसे पहले उन्होंने किताबों को कंप्यूटर पर तैयार करना शुरू किया। इसके लिये उन्होंने चित्र सहित गणित व विज्ञान विषय को चुना। परिषदीय विद्यालयों की संचालित इन पुस्तकों को कंप्यूटर में पहुंचाने के बाद उन्होंने एक लैपटाप खरीदा और उसकी मदद से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। इसके लिये भी उन्होंने कक्षा बार बच्चों को अलग-अलग सिखाया। उन्होंने बच्चों को लैपटाप चलाना भी सिखाया। शिक्षा के इस तरीके को देखकर बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न होने लगी और उनका शिक्षा ग्रहण करने में मन लगने लगा। उन्होंने इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लागू करवाने के लिए भी प्रयास किये और इसका डाटा तैयार कर परियोजना कार्यालय लखनऊ को भी भेजा। पिछले दो वर्ष से वह माइक्रोसाफ्ट कंपनी के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर लखनऊ से भी इस कार्य में तकनीकी सहयोग ले रहे हैं। वह आगामी समय में प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की योजना भी तैयार कर रहे हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने बच्चों के लिये एक मोबाइल एप्स भी तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका दावा है कि इस मोबाइल ऐप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई और सरल लगने लगेगी। हालांकि अभी वह इस एप्स को पहले विभागीय अधिकारियों व शासन के बीच ले जाना चाहते हैं। वहां से अनुमति मिलने पर उसको गूगल की मदद से सार्वजनिक करना चाहते हैं। सहायक अध्यापक शशिकांत शुक्ला का उद्देश्य है कि वह परिषदीय विद्यालय के बच्चों को भी उसी दर्जे की शिक्षा दें, जो कांवेंट के बच्चों को मिल रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।