कानपुर : उर्दू में टीईटी पास नहीं बन सकते ‘उर्दू शिक्षक’, अभ्यर्थियों ने सरकार से नियुक्ति में आवेदन करने का अधिकार दिया जाने की मांग की
कानपुर। वर्ष 2011 में उर्दू विषय लेकर टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें भी 35 सौ उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति में आवेदन करने का अधिकार दिया जाए। इनके पास हाईस्कूल से लेकर स्नातक तक उर्दू विषय के रूप में थी। नगर में 19 उर्दू शिक्षकों की नियक्ति होनी है। इसमें जो शैक्षिक अर्हताएं दी गई हैं उनमें मदरसा बोर्ड के विभिन्न कोर्स भी शामिल किए गए हैं। नजीब हैदर का कहना है कि उनके पास हाईस्कूल से लेकर स्नातक तक में उर्दू विषय रहा है। बीएड के बाद उर्दू विषय लेकर टीईटी भी पास कर लिया। वर्ष 2011 से ऐसी कोई रिक्तियां नहीं निकली हैं जिसमें नियुक्ति हो पाती। 35 सौ पद तो निकाले गए हैं लेकिन मोअल्लिम धारी ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या पहले से ही कम है। 1997 के बाद के मोअल्लिम इसमें शामिल नहीं हो सकते।
बेसिक शिक्षा अधिकारी विष्णु प्रताप सिंह ने बताया कि यदि कोई दो पत्नियों का उल्लेख आवेदन में कर भी देता है तो उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। सामान्य तौर पर दो पत्नियां बिना एक को तलाक दिए नहीं रखी जा सकतीं।
📌 कानपुर : उर्दू में टीईटी पास नहीं बन सकते ‘उर्दू शिक्षक’, अभ्यर्थियों ने सरकार से नियुक्ति में आवेदन करने का अधिकार दिया जाने की मांग की
जवाब देंहटाएं👉 READ MORE 👇👆http://www.basicshiksha.net/2016/01/blog-post_136.html