बुलन्दशहर : शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने को लगी शिक्षकों की 'पाठशाला' : शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया
बुलंदशहर : विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जनपद के विभिन्न स्कूलों से शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया। जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी ¨चता यह है कि कान्वेंट स्कूलों से अच्छे हमारे यहां शिक्षक हैं, लेकिन रिजल्ट में बच्चे शून्य है। किस तरह से परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाया जा सकता है।
डीएम रोड स्थित डायट में शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया। जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए ¨चता जताई कि हमारे पास निजी एवं कान्वेंट स्कूलों से अच्छे शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं, लेकिन रिजल्ट और गुणवत्ता के मामले में हम शून्य हैं। ऐसा क्या कारण है कि हम बच्चों को शिक्षित नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं शिक्षक अपने दायित्व से भटक रहे हैं। यदि शिक्षक सही से दायित्व का निर्वहन करें तो कान्वेंट स्कूलों से आगे भी हमारे बच्चे निकल सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी चुनकू राम पटेल ने कहा कि शिक्षक ही देश के भविष्य की नींव रखते हैं। अब शिक्षकों को जागरूक होना होगा और बच्चों के साथ ही मेहनत करनी होगी। तभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर पर बढ़ सकता है। डायट प्राचार्य आरएसके सुमन ने कहा कि हम लोग भी प्रामरी स्कूलों से पढ़े हुए हैं, पहले शिक्षक इतने जागरूक रहते थे बच्चों के साथ खूब मेहनत करते थे, लेकिन अब देखा जाता है कि शिक्षक पढ़ाने से बचते हैं। शिक्षक मेहनत करेंगे तभी बच्चों के अच्छे भविष्य की कल्पना की जा सकती है। बीएसए विनोद कुमार ¨सह ने कहा कि सभी शिक्षक नियमित स्कूलों में पहुंचे, चार्ट के आधार पर बच्चों को पढ़ाएं। स्कूल के समय में इधर उधर बैठकर समय खराब न करें। इस दौरान एडीआइओएस पूरन ¨सह, शंकर लाल, सावित्री यादव एवं खंड शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे।