शिक्षकों के साथ हो रहा अन्याय, बंद हो उत्पीड़न
सिद्धार्थनगर : जिले के शिक्षकों के साथ अन्याय हो रहा है। मौलिक नियुक्ति पत्र का मामला हो या समायोजित शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन, जमकर शिथिलता बरती जा रही है।
यह बात उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक अष्टभुजा प्रसाद पांडेय ने कहीं। वह रविवार को जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। बताया कि सतीश चन्द्र मिश्र की अगुवाई में गठित प्रदेशीय कमेटी की ओर से जिले में संगठनात्मक गतिविधियां निष्क्रिय, शिथिल होने के कारण वर्तमान कार्यकारिणी को भंग करते हुए तदर्थ समिति गठित करने का निर्णय लिया, जिसमें सतीश चन्द्र त्रिपाठी व अतुल कुमार मिश्रा को सह संयोजक, मिर्जा महबूब, विद्या भूषण, देवेन्द्र यादव, शेरअली, राम अभिलाष त्रिपाठी, भूनेश्वरी श्रीवास्तव, रामदास, विश्वमोहन पाठक, बृजेश पाठक, वशीर फारूकी, सुचित्रानंद चतुर्वेदी को सदस्य बनाया है। शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय की चर्चा करते हुए बताया कि प्रशिक्षु शिक्षकों को मिली नियुक्ति पत्र 2 जनवरी की तिथि में दिया गया, इससे निश्चय ही जुलाई में लगने वाले वेतनवृद्धि का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके अलावा समायोजित शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन मेकं बरती जा रही शिथिलता से उनके समक्ष भयंकर रूप से आर्थिक संकट पैदा हो गया है। समस्त ब्लाक संसाधन केंद्रों पर सेवा पुस्तिका बनाने के नाम पर धन उगाही की जा रही है। किसी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई से पहले स्पष्टीकरण न लेने पर भी रोष जताया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में शिक्षकों व समायोजित शिक्षकों की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।