बुलंदशहर: बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक-शिक्षिकाएं लगातार हो रही कार्रवाई के बावजूद भी सुधरने को तैयार नहीं है। कई स्कूलों में खंड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूल पहुंचते नहीं हैं और बिना विद्यालय जाए ही पूरे महीने की हाजिरी लग जाती है। ग्रामीणों की शिकायत पर बीएसए ने एक स्कूल की जांच कराई। जिसमें शिक्षकों के बिना आए ही हाजिरी लगी हुई थी। प्रभारी बीएसए ने प्रधानाध्यापिका सहित दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग में इस कदर भ्रष्टाचार व्याप्त है कि कुछ खंड शिक्षा अधिकारी पांच-पांच हजार रुपये लेकर शिक्षिकाओं को स्कूल न आने की पूरी छूट दे देते हैं और उन शिक्षक या शिक्षिकाओं की हाजिरी लगती रहती है। गुरुवार को बीबीनगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शेरपुर की प्रधानाध्यापिका सुमन देवी स्कूल ही नहीं आती हैं और बिना स्कूल आए ही उनके पूरे महीने की हाजिरी लग जाती है। प्रधानाध्यापिका के इस खेल में उसी विद्यालय के सहायक अध्यापक अरविन्द कुमार मदद करते हैं। मैडम आती नहीं हैं और वह बिना आए ही उनके हस्ताक्षर रजिस्टर पर कर देते हैं। शेरपुर के ग्रामीणों ने प्रभारी बीएसए विनोद कुमार ¨सह से फोन पर शिकायत की और स्कूल की जांच कराने को कहा। बीएसए ने उच्च प्राथमिक विद्यालय शेरपुर के प्रधानाध्यापक को फोन मिलाया और जानकारी की। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रर में हाजिरी लगी हुई है, लेकिन मैडम गायब हैं। पूछने पर बताया कि सहायक अध्यापक अरविन्द कुमार मैडम की हाजिरी लगाते हैं। बीएसए विनोद कुमार ¨सह ने प्रधानाध्यापिका सुमन देवी और सहायक अध्यापक अरविन्द कुमार को निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस तरह की शिकायतें सिकंदराबाद, खुर्जा, गुलावठी और बुलंदशहर ब्लाक में ज्यादा मिल रही हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि स्कूल न जाने वाले शिक्षकों की सीधे शिकायत करें, जिससे गरीब बच्चों की पढ़ाई का स्तर सुधर सके। उन्होंने कहा कि इधर उधर शिकायत करने से समस्या का समाधन हो या न हो, लेकिन सीधे शिकायत होने पर लापरवाही करने वाले शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।