टीईटी संघर्ष मोर्चा दायर करेगा याचिका
मऊ : वर्ष 2011 के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति न किया जाना सरासर अन्याय है। इसके लिए टीईटी संघर्ष मोर्चा कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकेगा। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की जाएगी।
उक्त बातें रेलवे क्लब घर के मैदान में शनिवार को संगठन की बैठक में कही गई। टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु राणा ने कहा कि संगठन अब चुप नहीं बैठेगा। अपना हक लेने के लिए संघर्ष तो किया ही जाएगा, कोर्ट में याचिका भी दायर की जाएगी। इसमें एक नहीं हजारों लोग अलग-अलग याचिका दाखिल करेंगे। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र ¨सह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई के निर्देश पर प्रदेश में पहली बार टीईटी परीक्षा 2011 में कराई गई थी। उस समय परीक्षा में पांच लाख 96 हजार 733 अभ्यर्थी बैठे थे जिसमें से दो लाख 92 हजार 915 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। चार वर्ष बाद उनमें से अब तक केवल 58 हजार अभ्यर्थियों को ही शिक्षक के रूप में तैनाती मिली है। इस साल नवंबर 2016 के बाद सवा दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों का 2011 टीईटी उत्तीर्ण का प्रमाणपत्र बेकार हो जाएगा। इसलिए समय रहते हमें न्याय के लिए बड़े कदम उठाने ही होंगे। अजय कुमार, चंद्रशेखर ¨सह, प्रभाकर बर्नवाल, प्रवीण जायसवाल आदि मौजूद थे।