महराजगंज : आखिर चलती ट्रेन में कैसे मौत के मुंह में गई महराजगंज की शिक्षिका
लखनऊ। एक ट्विट पर उपचार उपलब्ध कराने का दावा कर रहे भरतीय रेल की चलती ट्रेन में एक शिक्षिका की मौत हो गई। महराजगंज के प्राथमिक विद्यालय भिसवा में तैनात सहायक अध्यापिका 31 वर्षीय लक्ष्मी प्रिया की मकर संक्रांति के अवकाश पर अपने पति सत्यनारायण दास के पास दिल्ली गई थी। वहां से बेटे के साथ वापस आते समय ट्रेन में लखनऊ के पास तबीयत बिगडऩे लगी और रास्ते में मौत हो गई। ट्रेन के सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोरखपुर पहुंचने पर जीआरपी ने शव को उतारा।मथुरा के ग्राम गोवर्धन के मोहल्ला चक्लेश्वर निवासी लक्ष्मी प्रिया की महराजगंज के प्राथमिक विद्यालय भिसवा में एकजनवरी 2016 को बतौर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हुई थी। पति सत्यानारायण दास दिल्ली के प्राइवेट कंपनी में कार्य करते हैं। मकर संक्रांति के अवकाश पर वह अपने पति के पास दिल्ली गई थी। 18 जनवरी सोमवार को स्कूल खुलना है। इसलिए वह शनिवार दोपहर 2.50 से सप्तक्रांति एक्सप्रेस से गोरखपुर के लिएचलीं, लेकिन लखनऊ के पास ट्रेन में शिक्षिका को उल्टी होने लगी, शिक्षिका के साथ उसका आठ वर्षीय बेटा कृष्णा भी था। साथ के यात्री अभीकुछ समझ पाते की शिक्षिका की मौत हो गई। मृतका के पति सत्यनारायण ने बताया कि शनिवार रात करीब दस बजे पत्नी से मोबाइल पर बात हुई थी, उसने तबीयत खराब होने की बात कही थी, पर इलाज की सुविधा नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महेंद्र प्रसाद ने बताया कि पोस्टमार्टम कराने के बाद शिक्षिका के पति को शव सौंप दिया गया।