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लखीमपुर खीरी : जान जोखिम में डाल कर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं बच्चे; कंडम घोषित हुए विद्यालय में शिक्षकों द्वारा बच्चों को दी जा रही शिक्षा

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लखीमपुर खीरी : जान जोखिम में डाल कर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं बच्चे; कंडम घोषित हुए विद्यालय में शिक्षकों द्वारा बच्चों को दी जा रही शिक्षा

निघासन-खीरी। विभाग द्वारा कण्डम घोषित हुए विद्यालय के बावजूद भी शिक्षकों द्वारा इसी भवन में शिक्षा दी जाती है। शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे जान-जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश है। यही रहा तो शिक्षण कार्य के समय यह जर्जर प्राथमिक विद्यालय कभी भी ढह कर बड़े हादसे को दावत दे रहा है। शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय में क्रास निशान लगाकर तो अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है लेकिन शिक्षा विभाग जरा सा भी गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है।

विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत खैराहनी जिसे न्याय पंचायत का दर्जा मिला है। इस न्याय पंचायत पर प्रतिमाह शिक्षकों की बैठक भी होती है। अत्यधिक पुराना प्राथमिक विद्यालय होने के बावजूद यह विद्यालय पूरी तरह जर्जर हो चुका है। दीवारों से लेकर छतों में भी बड़ी-बड़ी दरारे बन चुकी है जो हर समय शिक्षण कार्य के समय भयभीत होकर शिक्षक बच्चों को विद्यालय में पढ़ते है। कंडम हुए विद्यालय पर शिक्षा विभाग ने अपना क्रास निशान लगाकर यह चेतावनी दे दी कि इस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाना किसी बड़े हादसे से कम नहीं है।

बावजूद इसके इसी जर्जर भवन में बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। यह अलग बात है ठंड के मौसम में धूप निकलने पर अध्यापकगण बच्चों को शिक्षा धूप में देते है। अधिक ठंड पड़ने पर बच्चों को भवन के अन्दर पढ़ाया जाता है। जर्जर भवन में भय ग्रस्त होकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को विवश है। इसी तरह विकास खंड क्षेत्र से अन्य कई विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए सर्वे में कई विद्यालय कंडम घोषित किए गए है। फिर भी कंडम विद्यालय में बच्चों को शिक्षा दी जाती है। ऐसे कंडम विद्यालय में शिक्षा ग्रहण के समय कभी भी बच्चों के साथ हादसा हो सकता है।

बावजूद शिक्षा विभाग जरा सा भी गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है। कंडम हुए विद्यालयों की अभी तक न ही कोई मरम्मत कराई गई है। न ही नया भवन बनाने की कोई योजना बनी है। इस तरह जान जोखिम में डालकर कण्डम भवन में मासूम बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इस सम्बन्ध में खंड शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला ने बताया कि 25 साल पुराना प्राथमिक विद्यालय खैराहनी का है जो जर्जर हो चुका है। इसलिए इसमें क्रास निशान लगाया गया है। नया भवन बनने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

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