इलाहाबाद : मानदेय नहीं मिलने पर शिक्षक करेंगे बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार, बजट में मानदेय की व्यवस्था न करने पर जताई नाराजगी
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार की ओर से वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को मानदेय की घोषणा में हो रही देरी ने शिक्षकों को नाराज कर दिया है। वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों के अलग-अलग समूहों ने मानदेय के लिए प्रदेश सरकार के बजट में कोई प्राविधान नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की है। प्रदेश भर के वित्तविहीन शिक्षकों ने 28 जनवरी तक मानदेय के बारे में फैसला नहीं होने पर यूपी बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
प्रदेश सरकार ने 2015 में बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले शिक्षकों की अनेक मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। उन्हीं मांगों में से एक मांग मानदेय की घोषणा करना भी था। सरकार ने शिक्षकों की कई मांगें मूल्यांकन पारिश्रमिक सहित कई अन्य तो पूरा कर दिया परंतु मानदेय के बारे में आंकड़ा जुटाने के बाद भी घोषणा नहीं की गई। वित्तविहीन शिक्षकों का कहना है कि सरकार की ओर से जनवरी से मानदेय देने की घोषणा की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार के बजट में मानदेय के लिए धन की व्यवस्था नहीं किए जाने से शिक्षकों ने सरकार से दो-दो हाथ करने की घोषणा की है। शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार की घोषणा के साथ ही 29 जनवरी को विद्यालय बंद करके लखनऊ में विधानसभा के घेराव की घोषणा की है।
स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कल्याणी देवी में वित्तविहीन शिक्षकों की एक बैठक विद्याधर द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई, इसमें प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही वादाखिलाफी पर आक्रोश व्यक्त किया गया।
बैठक में वित्तविहीन शिक्षकों से 29 जनवरी को लखनऊ पहुंचने की अपील की गई। बैठक में प्रबंधक महासभा के सुनील पांडेय, प्रदेश प्रधानाचार्य महासभा के चंद्रिका प्रसाद त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट के जिलाध्यक्ष ननकेश बाबू ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। वित्तविहीन शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मानदेय देने पर निर्णय नहीं हुआ तो वह परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। ऐसे में वित्तविहीन शिक्षकों के सहयोग के बिना सरकार को बोर्ड परीक्षा से जुड़ा कोई काम करना संभव नहीं होगा।
वेतन पर संकट, बजट में नहीं किया प्रावधान, 29 को विधान भवन पर शिक्षकों का बड़ा प्रदर्शन
प्देश के निजी स्कूलों के शिक्षकों को एक बार फिर झटका लगा है। उन्हें मानदेय दिए जाने के लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है। इससे शिक्षकों में खासी नाराजगी है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद बजट में प्रावधान न किए
जाने से शिक्षक खफा हैं। इसके विरोध में हजारों की संख्या में शिक्षक 29 जनवरी को विधान भवन के बाहर प्रदर्शन करेंगे। वहीं शिक्षक विधायक सदन में यह मुद्दा उठाएंगे। समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया था कि वित्त विहीन शिक्षकों की सेवा शर्तें लागू की जाएंगी। उन्हें मानदेय दिया जाएगा। प्रबंधतंत्र से उचित मानदेय दिलाने के साथ ही सरकार ने अपने स्तर से भी मानदेय का वादा किया था। तब से शिक्षक लगातार यह मुद्दा सदन में और सदन के बाहर उठाते रहे हैं।
निजी स्कूलों के शिक्षकों के मानदेय पर संकट!
किया था। उसमें शिक्षकों के सभी संगठन शामिल हो गए थे। इससे कॉपियां जांचने का काम देर से शुरू हो सका था। बाद में मुख्यमंत्री ने उनके साथ बैठक कर वादा किया था कि अगले बजट सत्र में उनके मानदेय का प्रावधान किया जाएगा। इसी के बाद उनका बहिष्कार खत्म हुआ था।
वित्तविहीन शिक्षक सभा के नेता और एमएलसी उमेश द्विवेदी ने कहा कि सरकार वादे से पलट रही है। इस वादाखिलाफी से शिक्षकों में काफी गुस्सा है। विधान मंडल के बजट सत्र के पहले दिन ही प्रदेश भर से हजारों शिक्षक लखनऊ में जुटेंगे और विधान भवन के सामने प्रदर्शन करेंगे। यह हमारे लिए करो या मरो का सवाल है। सदन में भी विरोध करेंगे।