इलाहाबाद : छह वर्षों से ठप पड़ी है शिक्षक चयन प्रक्रिया, भर्ती आयोगों में अध्यक्ष सदस्यों के काम पर रोक एवं हटाए जाने के बाद काम ठप
√भर्ती आयोगों में अध्यक्ष सदस्यों के काम पर रोक एवं हटाए जाने के बाद काम ठप
√उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एवं उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में भर्ती प्रक्रिया पर लगा विराम
इलाहाबाद। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एवं अशासकीय डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में बीते छह वर्ष से अधिक समय से चयन प्रक्रिया ठप है। सरकार की ओर से मनमाने तरीके से इन भर्ती आयोगों में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति किए जाने को कोर्ट में चुनौती दिए जाने और हाईकोर्ट से अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिए जाने के बाद माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में भर्ती प्रक्रिया ठप पड़ गई है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 2009, 2010 के बाद टीजीटी-पीजीटी के किसी नए पद पर भर्ती नहीं हो सकी है। 2011 में घोषित टीजीटी-पीजीटी के पदों की घोषणा के बाद कोर्ट की ओर से रोक के कारण इन पदों पर भर्ती नहीं हो सकी है। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद रोक हटी तो चयन बोर्ड में इस समय अध्यक्ष-सदस्य के न होने से काम ठप पड़ा है। 2013 में घोषित टीजीटी-पीजीटी के पदों के लिए जनवरी 2015 में परीक्षा तो कराई गई परंतु कानूनी अड़चन के कारण अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जा सका।