आगरा : आगरा विश्वविद्यालय में हजारों मार्क्सशीट-डिग्री कचरे में तब्दील, डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि में एक और कारनामा, शौचालय में फेंके गए परीक्षा व डिग्री आवेदन भी
आगरा। मार्क्सशीट और डिग्री। यानी, युवाओं का करियर तय करने वाले दस्तावेज। इनके बिना छात्रों के सपने और भविष्य दोनों ही मिट्टी हैं। उनके लिए अमूल्य ये दस्तावेज उनके हाथों में होने के बजाए डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के शौचालय में पड़े हैं। ये हाल तब है, जब इन्हीं को पाने लिए सैकड़ों छात्र रोजाना विश्वविद्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
विश्वविद्यालय में इन दिनों परीक्षा विभाग, डिग्री सेक्शन समेत भवन मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसके चलते इन मार्क्सशीट-डिग्री को सुरक्षित रखने के बजाए कबाड़ में फेंक दिया गया है। परीक्षा विभाग से सटे शौचालय में पड़े हजारों मार्क्सशीट, परीक्षा फार्म, डिग्री कचरे में तब्दील हो चुके हैं। इनमें बीए, बीएससी, बीकाम और बीएड की मार्क्सशीट हैं, जोे 2007-08 से लेकर 2013-14 सत्र की हैं। इन पर अधिकारियों के हस्ताक्षर और विश्वविद्यालय का होलोग्राम भी है। कचरे में डिग्री तो कम हैं लेकिन इनके लिए आवेदन किए गए फार्मों की तादाद ज्यादा है। इसमें शुल्क के तौर पर 150 रुपये की बैंक रसीद भी लगी हुई है। अधिकांश आवेदन बीते एक-दो महीने के हैं।