मैनेजमेंट के जानकार बनेंगे टीचर
बदायूं : विद्यालयों के कार्यों की टेंशन नहीं, हर काम व्यवस्थित रूप से, विद्यालय समय से खोलने व बंद करने, बच्चों को होमवर्क करने को प्रेरित करने, विद्यालय की रंगाई-पुताई सही रखने, सभी बच्चों को एक समान शिक्षित करने, मध्यान्ह भोजन समय से उपलब्ध कराने आदि। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में हर कार्य समय से और सही ढंग से होगा। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को मैनेजमेंट के गुर सिखाए जाएंगे। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से अगले सत्र के लिए तैयार किए जा रहे बजट में उनके प्रशिक्षण को भी शामिल किया जाएगा।
प्राइवेट विद्यालयों की तर्ज पर अब परिषदीय विद्यालयों का भी हर कार्य व्यवस्थित रूप से कराए जाने की कार्ययोजना बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयार की है। जिसके बाद शिक्षक-शिक्षिकाओं के चेहरे पर ज्यादा काम की शिकन नहीं होगी। उन्हें प्रशिक्षण देकर बेहतर मैनेजमेंट के गुर सिखाए जाएंगे। प्राइवेट विद्यालयों की तरह ही समय से विद्यालय खोलने, समय सारिणी बनाकर छात्र-छात्राओं की कक्षाओं का संचालन करने, व्यवस्थित रूप से बच्चों को कक्षाओं में बिठाने की जानकारी दी जाएगी। विद्यालय में ज्यादा काम होने पर प्रधानाध्यापकों को विद्यालय के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ काम बांटकर करने का तरीका बताया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें जनगणना, मध्यान्ह भोजन, जागरुकता रैलियों के साथ अन्य विभागीय कार्य सुगमता से करने का तरीका मालूम होगा। वर्ष 2016-2017 सत्र के लिए तैयार किए जा रहे सर्व शिक्षा अभियान के बजट में प्रशिक्षण को शामिल करके राज्य परियोजना को भेजा जा रहा है। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक कार्य के साथ-साथ अन्य कामों को लेकर शिक्षक-शिक्षिकाएं ¨चता जताते हैं और बहुत काम मानते हैं। प्राइवेट विद्यालयों की तरह परिषदीय विद्यालयों में भी वैसी सुविधाएं बच्चों को दी जा सकती हैं। बस मैनेजमेंट के तरीके पता हों। जिसके चलते प्रशिक्षण को बजट में शामिल किया जा रहा है।