छोटू की थाली में "लालीपाप "
बोंगरिया (आजमगढ़) : मिड-डे-मील में खाना बनाने में आने वाली परिवर्तन लागत बढ़ाने के नाम पर सरकार ने गरीब बच्चों को लॉलीपाप ही दिया है। पिछले वर्ष के मुकाबले परिवर्तन लागत में बढ़ोत्तरी दशमलव 10 से 14 पैसे तक ही की गई है। शासन स्तर से की गई कवायद से जिले के लाखों बच्चों को खाना सही ढंग से नहीं मिल पाएगा, यह कहना बेमानी है।
जिले में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 2267 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 983 है। इनमें अध्यनरत बच्चों की संख्या करीब चार लाख है। शासन से निर्देशों के क्रम में प्रत्येक दिन हर स्कूल में बच्चों को मिड डे मील मिलता है। दावा किया जाता है कि स्कूलों में खाना एकदम स्वास्थ्यवर्धक है लेकिन शासन स्तर से परिवर्तन लागत कि दर सामने आने के बाद पोल खुलकर सामने आ गई है। चार जनवरी 2016 को जारी हुए आदेशों से वित्त नियंत्रक ने परिवर्तन लागत की बढ़ी दरें भी जारी कर दी है। अब प्राथमिक विद्यालयों में 3.76 के सापेक्ष 3.86 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 5.64 के सापेक्ष 5.78 रुपये बढ़कर हो गई है। प्राथमिक विद्यालयों को मिले धनराशि में केन्द्र स्तर से 2.32 रुपये और राज्य स्तर से 1.54 रुपये वहन करना होगा वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में केन्द्र स्तर से 3.47 और राज्य स्तर से 2.31 रुपये मिलेंगे।
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सौ ग्राम पर खर्च
परिवर्तन लागत जो निर्धारित हुई है वह सौ ग्राम खाने पर खर्च होगी फिलहाल सूत्रों से ऐसी जानकारी मिल रही है। इस पैसे से तेल, मसाले, गैस आदि की खरीदारी होगी। जहां तक स्कूलों में पहले ही खाने की बंदरबाट की बात है तो इतने कम परिवर्तन लागत से बच्चों को सही ढंग से खाना कैसे मिल पाएगा।
-आरबी यादव : प्रभारी बीएसए।