शैक्षिक सत्र बीता, स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक : सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने कई लाख के बाद भी काम ठप
√उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष-सदस्यों के न होने से चयन प्रक्रिया ठप
√सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने कई लाख के बाद भी काम ठप
इलाहाबाद । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एक बार फिर शैक्षिक सत्र के में माध्यमिक विद्यालयों में खाली शिक्षकों के पद नहीं पाया है। चयन बोर्ड की ओर से शिक्षकों की नियमित नियुक्ति 2010 के बाद से ठप पड़ी है। चयन बोर्ड की ओर से लगातार पांचवें वर्ष माध्यमिक विद्यालयों को शिक्षक नहीं मिले हैं। चयन बोर्ड में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद खाली होने से चयन प्रक्रिया ठप होने के कारण विद्यालयों में प्रमुख विषयों के शिक्षकों की कमी हो गई है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन किया जाता है। चयन बोर्ड की ओर से 2011 में टीजीटी-पीजीटी के लगभग चार हजार पदों की घोषणा की गई थी। कोर्ट के रोक के चलते इन पदों के लिए अभी तक परीक्षा नहीं हो सकी है। 2013 में टीजीटी- पीजीटी के लिए घोषित लगभग 10 हजार पदों के चयन बोर्ड की ओर से 2015 में परीक्षा तो करवा दी गई परंतु परीक्षा कराने के साल भर बीत जाने के बाद भी परिणाम की घोषणा नहीं हो सकी है।
प्रदेश सरकार की ओर से चयन बोर्ड के लिए अध्यक्ष एवं सदस्यों के मनमाने चयन के कारण कोर्ट ने अध्यक्ष की नियुक्ति निरस्त करके तीन सदस्यों के काम पर रोक लगा दी है। चयन बोर्ड में इस समय तीन सदस्य ही काम कर रहे हैं। चयन बोर्ड में अध्यक्ष के न होने और सदस्यों की कमी के कारण सरकार ने कोरम के अभाव में नियुक्ति एवं चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। रोक के कारण सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने कई लाख के बाद भी काम नहीं हो रहा है।
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