सात का रोका गया वेतन, नौ शिक्षकों से स्पष्टीकरण तलब
बलरामपुर : परिषदीय स्कूल के शिक्षक पूरी तरह से लापरवाह होते जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा विभागीय शिक्षकों पर लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद भी शिक्षकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बात का खुलासा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में हुआ है। विभागीय कार्यो में की गई लापरवाही के चलते बीएसए ने पांच स्कूलों में तैनात सात शिक्षकों का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकते हुए नौ शिक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया है।
दो जनवरी को बीएसए द्वारा शिवपुरा शिक्षा क्षेत्र के किए गए निरीक्षण में प्राथमिक विद्यालय बढ़ईपुरवा में विद्यालय के खिड़की व दरवाजे पेंट नहीं पाए गए। साथ ही विद्यालय में बच्चों की उपस्थित भी कम मिली। इसी के चलते विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रताप सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय कोड़री में बच्चों की कम उपस्थित के चलते प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया है। साथ ही प्राथमिक विद्यालय लालपुर फगुईया बच्चों की कम उपस्थिति के चलते स्कूल के प्रधानाध्यापक सौरभ त्रिपाठी, सहायक कृष्ण कुमार व रेनू से स्पष्टीकरण तलब किया है। साथ ही बीएस द्वारा चार जनवरी को किए गए बलरामपुर शिक्षा क्षेत्र के स्कूलों के औचक निरीक्षण में प्रात: साढ़े नौ बजे प्राथमिक विद्यालय बिराहिमपुर बंद पाया गया। इस पर बीएसए ने स्कूल की सहायक अध्यापक सरिता तोमर व आराधना साहू का अग्रिम आदेश तक वेतन व शिक्षामित्र का मानदेय रोक दिया है। साथ ही स्कूल समय से न आने के चलते उच्च प्राथमिक विद्यालय रतनपुर में तैनात सहायक अध्यापक हैदर अली व सिद्धार्थ कुमार एवं प्राथमिक विद्यालय विशुनपुर नवीन में बिना सूचना स्कूल से गायब रहने के कारण सहायक अध्यापक ज्योति श्रीवास्तव का अग्रिम आदेश तक वेतन रोक दिया है। साथ ही सभी शिक्षकों से स्पष्टीकरण तलब करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
-बंद कराया गया बगैर मान्यता का स्कूल
जिले में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों का धंधा भी खूब फलफूल रहा है। बीएसए द्वारा चार जनवरी को किए गए औचक निरीक्षण में बलरामपुर शिक्षा क्षेत्र के कंदूपुर में तारा पब्लिक स्कूल बिना मान्यता के ही संचालित पाया गया। स्कूल में 121 बच्चे उपस्थित थे, लेकिन विद्यालय के पास मान्यता नहीं थी। बीएसए जय सिंह ने संबंधित विद्यालय को तत्काल बंद कराकर विभाग को सूचित करने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी एमपी सिंह को दिया है।