प्रधान जी अब नहीं हड़प सकेंगे सरकारी धन
गौरीगंज (अमेठी): गांव में विकास के नाम पर कागजी योजनाओं के जरिए प्रधान व सचिव के लिए जेब भरना आसान नहीं होगा। यह व्यवस्था ई-पंचायत के तहत लागू की जा रही है। जिसमें केंद्र सरकार से चौदहवें वित्त आयोग के तहत प्राप्त धन के खर्च पर लागू होगी। इसके लिए तैयारी होने लगी है। इसको लागू करने के लिए नामित चार लोगों को आगामी फरवरी माह में सरकार मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण देगी। इसके साथ ही विकास योजनाओं के संचालन में साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।
ग्राम प्रधान व सचिवों पर अक्सर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं। कुछ एक मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई है। ग्रामीण विकास के नाम पर खजाने तो खाली होते रहे हैं, लेकिन गांव के हालात जस के तस रहे हैं। जबकि तमाम ग्राम पंचायतें अपने दायित्वों का निर्वहन करने में पीछे रही हैं। अब ग्रामीण विकास में भी केंद्र सरकार तकनीक का सहारा लेने चल रही है। जिससे कागजी योजनाएं फलीभूत न हो सकें। अभी जल्द ही नव निर्वाचित ग्राम पंचायतों का गठन हुआ है।
इन्हें अप्रैल माह तक हर हाल में कंप्यूटरीकृत कराए जाएंगे। पंचायत राज विभाग के निर्देश पर इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। यह काम जिला पंचायत राज की ई-पंचायत की शाखा को दिया गया है। साफ्टवेयर होंगे आंख और कान
ई पंचायत विभाग की माने तो अब तक प्रिया साफ्टवेयर पर ही पंचायत निधि का ब्यौरा रहता है। अब दो साफ्टवेयर और तैयार किए गए हैं। कार्य योजना बनाने के लिए प्लान प्लस साफ्टवेयर का प्रयोग होगा। इसके बाद उस पर काम करने के लिए ऐक्शन साफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा। फिर काम की पूर्ति का साफ्टवेयर में पूरा आर्थिक ब्योरा दिया जाएगा। प्लान प्लस साफ्टवेयर में बगैर कार्ययोजना बनाए केंद्र से मिलने वाले चौदहवें वित्त आयोग की रकम खर्च नहीं की जा सकेगी। कार्ययोजना पर जो प्रगति होगी उसे ऐक्शन साफ्टवेयर पर कार्ययोजना की वर्क आईडी बनाकर अपलोड किया जाएगा। तभी उस कार्ययोजना के तहत धन को निकालना संभव हो सकेगा। इसके बाद यह पूरा ब्योरा प्रिया साफ्टवेयर पर लोड किया जाएगा। जिसे जिलाधिकारी आदि जिले के वरिष्ठ अधिकारी कंप्यूटर पर देख सकेंगे। इस प्रकार अधिकारियों को योजना पर खर्च की जाने वाली एक एक पैसे की जानकारी रहेगी।
बोले डीपीएम
डीपीएम अमेठी सूर्य प्रताप सिंह ने इस संबंध में बताया कि जल्द ही ई पंचायत के लागू होने से सरकारी धन के दुरुपयोग पर रोक लग सकेगी।