जागरण संवाददाता, बरेली: ठंड के मौसम में बेसिक से साथ माध्यमिक स्कूलों में भी भारी संख्या में बच्चों ने आना छोड़ दिया है। यहां तक की कक्षाओं में उपस्थिति सिमटकर महज तीस फीसद तक पहुंच गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार के निरीक्षण में भी लगातार इसकी पोल खुल रही है। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी प्रधानाचार्यो को बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश नहीं दिए हैं। अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई की चेतावनी दी है।
डीआइओएस गजेंद्र कुमार ने शनिवार को नए साल के दूसरे दिन विद्यालयों का हाल जानने निकले थे। इस दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई। उन्होंने फैजान ए सैदानी स्कूल देवरनिया व सरदार पटेल इंटर कालेज फरीदपुर का निरीक्षण किया। डीआइओएस गजेंद्र कुमार इन स्कूलों के जिस भी कमरे में गए वहां तीस प्रतिशत से भी कम बच्चे नजर आए। जबकि पढ़ाई व परीक्षा की तैयारी के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण समय चल रहा है।
बच्चों के स्कूल न आने का कारण
माध्यमिक ही नहीं बेसिक स्कूलों में भी बच्चों की संख्या ठंड में काफी कम हो गई है। बताया जा रहा कि सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर घरों के बच्चे हैं। जिनके पास पहनने को ठीक से गरम पकड़े नहीं हैं। ऐसे में परिवार वाले ठंड लगने की डर से स्कूल नहीं भेज रहे हैं। वहीं दूसरा प्रमुख कारण है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी कोचिंग का सहारा भी लेते हैं। ऐसे में परीक्षा में समय कम होने पर अब वे कोचिंग करने के बाद घर पर ही बैठकर परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं।
बेसिक शिक्षक संघ ने की छुंट्टी की मांग
प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीएसए और डीएम को ज्ञापन देकर ठंड में बेसिक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश करने की मांग की है। कहा है कि इस बार शासन ने विभागीय कैलेंडर से शीतकालीन अवकाश व्यवस्था खत्म कर दी है, सभी जिलों के डीएम को अधिकार दिए गए हैं। बेसिक स्कूलों में अधिकांश बच्चे गरीब घरों के हैं। जो गरम कपड़ों के अभाव में विद्यालय नहीं पढ़ने आ रहे हैं। या तो उन्हें स्वेटर वितरित किया जाए नहीं तो स्कूल कान्वेंट स्कूलों की तरह बंद किया जाए। शिक्षक संघ के मुताबिक बेसिक स्कूलों में भी महज तीस प्रतिशत बच्चे ही पढ़ने आ रहे हैं।