अब मास्टर साहब की होगी आनलाइन निगरानी
गाजीपुर: अक्सर स्कूल से गायब रहने वाले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के दिन अब लदने वाले हैं। शासन अब उनकी आनलाइन निगरानी शुरू करने जा रहा है। इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। यहां से रोज फोन कर विद्यालयों के शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति की निगरानी की जाएगी। साथ ही यह भी पता किया जाएगा कि उस विद्यालय में एमडीएम बना है कि नहीं, और बना है तो क्या बना है।
परिषदीय विद्यालयों में दिन पर दिन गिर रहे शिक्षा के स्तर को लेकर शासन ¨चतित है। शिक्षकों की कमी उतनी बड़ी समस्या नहीं हैं जितनी कि शिक्षकों की अनुपस्थिति। ऐसे शिक्षकों की निगरानी करने के लिए ही यह सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसके लिए जिले के सभी विद्यालयों व शिक्षकों का पूरा डाटा पहले से ही आनलाइन किया जा चुका है।
ऐसे होगी निगरानी
-जिला मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम में सभी विद्यालयों का डाटा मौजूद रहेगा। यहां तक कि किस स्कूल में कितने शिक्षक तैनात हैं और कितने बच्चे पंजीकृत हैं। कंट्रोल रूम में एक फोन आपरेटर तैनात किया जाएगा, किसी भी स्कूल में कभी भी वह फोन कर वहां के प्रधानाध्यापक से स्कूल के अन्य शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति के बारे में पूछा जाएगा। किस दिन कितने शिक्षक और बच्चे उपस्थित व अनुपस्थित हैं, जो अनुपस्थित हैं उनका रोल नंबर क्या है आदि। इसकी सत्यता जानने के लिए फोन आपरेटर प्रधानाध्यापक से किसी रोल नंबर के बच्चे से तत्काल फोन से बात कराने को कह सकता है। बच्चों से भी पूछा जाएगा कि आज कौन-कौन शिक्षक स्कूल में मौजूद हैं और समय से आए हैं कि नहीं।
अब नहीं होगी एमडीएम में धांधली
-इस व्यवस्था के लागू होने के बाद परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम की भी जांच होगी। हर रोज स्कूल में मौजूद बच्चों की संख्या कंट्रोल रूम में दर्ज की जाएगी। एमडीएम भी उसी के हिसाब से बनना चाहिए। शिक्षकों से बच्चों की उपस्थिति के अलावा एमडीएम के बारे में भी पूछा जाएगा। यह कि आज क्या बना है और कल क्या बनेगा। बच्चों से भी पूछा जाएगा कि भोजन अच्छा लगता है या नहीं या समय से मिलता है कि नहीं आदि। इससे एमडीएम में हो रही बड़े पैमाने पर धांधली पर काफी हद तक रोक लगेगी।
शीघ्र शुरू होगा कंट्रोल रूम
- जिला मुख्यालय पर शीघ्र ही कंट्रोल रूम स्थापित करने की तैयारी हो रही है। यहां से सभी विद्यालयों की निगरानी होगी। एक फोन आपरेटर लगाया जाएगा, जो विद्यालयों को फोन कर सूचनाएं दर्ज करेगा। समय मिलने पर विभाग का कोई भी अधिकारी यहां बैठ सकता है और कभी-कभी हम खुद फोन कर निगरानी करेंगे। -चंद्रकेश ¨सह यादव, बेसिक शिक्षाधिकारी।