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कन्नौज:गलत नीतियों के कारण मजाक हो गयी है योजना

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कन्नौज, जागरण संवाददाता : शासन की पहल पर कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों की सेहत सुधारने के लिए प्रत्येक बुधवार को मध्याह्न भोजन के साथ 200 एमएल दूध वितरित किए जाने के आदेश दिए गए। शुरुआती दिनों में इस योजना के गति बढ़ने के साथ ही इसकी रफ्तार मंद पड़ने लगी। अब दूध वितरण की योजना अफसरों व इसको क्रियान्वित करने वालों के लिए कमाई का जरिया बन गई है। इससे बच्चे तो सेहतमंद नहीं हो रहे हैं, लेकिन गुरुजी समेत मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े लोग तंदुरुस्त हो रहे हैं।

बुधवार को जागरण टीम ने दूध वितरण की हकीकत जानने को कई प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इसमें कई परिषदीय विद्यालयों में जहां बच्चों को मानक के अनुरूप दूध वितरित किया गया। तो कहीं दूध वितरण ही नहीं किया गया। इसमें 12 बजकर 15 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय रंगियनपुरवा में 122 बच्चे पंजीकृत थे। इसमें 72 बच्चे स्कूल आए थे। इन बच्चों में आठ लीटर दूध का वितरण करवाया गया था। यहां चूल्हे पर खाना पकाया जा रहा था। 12 बजकर 30 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय मानपुर में 107 में 75 बच्चे आए थे। यहां बच्चों को नौ लीटर दूध का वितरण करवाया गया था। यहां प्रधानाध्यापक सारिका व सहायक अध्यापक सुबोधनी देवी विद्यालय मौजूद थीं, जबकि सहायक अध्यापक निधि वर्मा विद्यालय में मौजूद नहीं थी। 12 बजकर 45 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय बलारपुर में पंजीकृत 111 में 76 आए थे। यहां दूध का वितरण नहीं किया गया था। इंचार्ज प्रधानाध्यापक रेखा गौतम के एनपीआरसी जाने की बात कही गई। वहीं सहायक अध्यापक स्वाती देवी मौजूद थी। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय बलारपुर में भी दूध का वितरण नहीं गया था। 12 बजकर 58 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय अहमदपुर रौनी में 186 में 79 बच्चे आए थे। यहां चार लीटर दूध का वितरण करवाया गया। यहां प्रधानाध्यापक रवि कुमार, सहायक अध्यापक आशुतोष व सोनी पांडेय मौजूद थी। यहां बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में कमी पाई गई। प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर में बच्चों को दूध का वितरण नहीं करवाया गया। इसकी वजह से बच्चों को भूखे पेट घर लौटना पड़ा।

इन विद्यालयों में समय से पहले दूध का वितरण

ठंड के मौसम में परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन का दोपहर 12 बजे समय निर्धारित किया गया है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय मानीमऊ में सुबह 10 बजकर 30 पर दूध का वितरण कर दिया गया है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय दंदौरा बुजुर्ग, प्राथमिक विद्यालय तिखवा व प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय यासीनपुर में सुबह ही 10 बजे दूध का वितरण कर दिया गया।

जिम्मेदार बोले

जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में दूध का वितरण किए जाने के आदेश दिए गए हैं। सभी जगह दूध वितरित करवाया जा रहा है। दूध वितरण वाले दिन जांच की जाती है। अगर कहीं लापरवाही मिलती है, तो जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

- मोहम्मद नियाज, प्रभारी मध्याह्न भोजन।

अफसर बोले

अगर किसी विद्यालय में दूध का वितरण नहीं किया जा रहा है, तो गलत है। इसकी विभागीय अफसरों से जांच करवाई जाएगी। जांच में दोषी मिलने पर जिम्मेदार अफसरों व प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की जाएगी।

-रामकरन यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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