बिना प्रशिक्षण ही जारी कर दिया फरमान
जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : बिना ट्रे¨नग के स्कूल में न जाने कैसे मैसेज रिपोर्ट बीप सुनाई देगी। शिक्षक अनजान है और विभाग का यह तुगलकी फरमान है। सिढ़पुरा को छोड़ किसी भी विकास खंड में शिक्षकों को एसएमएस व्यवस्था का प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा। इसको लेकर शिक्षकों की समझ नहीं आ रहा आखिर विभाग को किस तरह बच्चों की अनुपस्थिति की सूचना दे पाएंगे।
शासन द्वारा व्यवस्था लागू की गई है कि प्रतिदिन विद्यालय में शिक्षक समय से पहुंचकर बच्चों की उपस्थिति लेंगे। और फिर अनुपस्थित बच्चों की कक्षावार संख्या के साथ ही रोल नंबर टाइप कर मैसेज से शासन को सूचना देंगे इससे मिड-डे-मील भी धरातल पर उपस्थित बच्चों को मिल सकेगा और कागज मिड-डे-मील नहीं खा पाएंगे। साथ ही शिक्षकों की भी कार्य प्रणाली में सुधार आएगा। भले ही शासन की यह नीति कुछ बेहतर करने की हो लेकिन जनपद में यह नीति कारगर सफल होते नहीं दिख रही क्योंकि सरकार के मातहत ही इसको लेकर रुचि नहीं दिखा रहे। सिढ़पुरा के खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विधिवत ट्रे¨नग के बाद अपने क्षेत्र में मैसेज व्यवस्था लागू कर दी गई। सहावर विकास खंड में भी मैसेज से सूचना देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं लेकिन अन्य विकास खंडों में अभी भी चुप्पी भरा सन्नाटा है। लेकिन इन विकास खंडों के शिक्षक इस बात को लेकर ¨चतित हैं कि न जाने विभागीय अधिकारी कब यह निर्देश दे दें कि मैसेज से अनुपस्थित की सूचना बताओ। जब प्रशिक्षण ही नहीं है तो यह लोग किस तरह मैसेज शासन को देंगे।
शिक्षक बोले बढ़ेगी समस्या
शिक्षक श्यामवीर, मनोज का कहना है कि यह व्यवस्था समस्या बढ़ाएगी क्योंकि सर्दी के मौसम में बच्चे दस बजे तक घर से निकलते हैं और इससे पहले विभाग को इनकी अनुपस्थिति की सूचना चाहिए। ऐसे में शिक्षकों की भी समस्या बढ़ेगी और यदि अनुपस्थित बच्चों को देरी से आने पर वापस लौटाया गया तो ग्रामीण भी लड़ने पर आमादा रहेंगे। इस सबके बीच शिक्षक को ही समस्या का सामना करना है।