लखनऊ : बच्चों ने किया मिड-डे-मील का बहिष्कार , अक्षयपात्र की टीम इस मामले की जांच के लिए स्कूल पहुंची, टीम के सदस्यों ने बच्चों से मील खाने का आग्रह किया।
लखनऊ । प्राइमरी स्कूल लाजपत नगर में मिड-डे-मील खाने से बीमार हुए बच्चों के मामले के बाद मंगलवार को स्कूल के बच्चों ने मिड-डे-मील का बहिष्कार कर दिया। वहीं, अक्षयपात्र की टीम इस मामले की जांच के लिए स्कूल पहुंची। टीम के सदस्यों ने बच्चों से मील खाने का आग्रह किया। इसके बाद भी बच्चों ने खाना चखा नहीं। स्कूल के शिक्षकों ने भी खाना चखा, लेकिन किसी भी बच्चे ने इसे डर के मारे नहीं खाया।
सोमवार को स्कूल के 14 बच्चों की एमडीएम खाने के बाद खराब हुई। तबियत के चलते चार बच्चों को ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराना पड़ा था। इसका डर मंगलवार को भी स्कूल के दिखा। स्कूल में रोज के मुकाबले मंगलवार को बच्चे भी कम आए थे।
अक्षय पात्र की टीम पहुंची जांच करने
मंगलवार को अक्षय पात्र के डायरेक्टर ऑपरेशन विनय एन कुमार अपनी टीम के साथ प्राथमिक विद्यालय लाजपत नगर पहुंचे। अधिकारियों ने बच्चों को खाना बांटने के लिए कहा, लेकिन किसी भी बच्चे ने खाने से इनकार कर दिया। अक्षय पात्र के अधिकारियों का दावा है कि उनके खाने में कोई खराबी नहीं थी, क्योंकि यही खाना कई और स्कूलों में भी दिया गया। वहां किसी बच्चे की तबियत नहीं खराब थी। उनकी मानें तो लाजपत नगर के प्राथमिक विद्यालय के बाहर ही पेंटिंग का काम चलता है, बच्चों ने वहीं पर खाना खाया, जिससे पेंट की महक व थिनर से उनकी तबियत बिगड़ी थी।
बच्चों को किया गया डिस्चार्ज
सोमवार को मिड-डे-मील खाने से जिन बच्चों की तबियत खराब होने पर उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को उनकी हालत में सुधार होने पर डॉक्टरों ने डिस्चार्ज करते हुए घर भेज दिया।
बच्चों ने मिड-डे-मील खाने से किया इनकार
खाना लेकर बैरंग लौटी अक्षय पात्र की टीम
हालत में हुआ सुधार, ट्रॉमा सेंटर से किया डिस्चार्ज
मिड-डे-मील से बनाई दूरी, घर से लाते हैं टिफिन
मिड-डे-मील में कच्चा चावल और पानी जैसी दाल
डेली न्यूज़ नेटवर्कलखनऊ। चौक स्थित प्राथमिक विद्यालय लाजपत नगर में मिड-डे-मील खाने से बच्चों के बीमार होने की घटना से मंगलवार को सभी बच्चों ने खाने का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान अक्षय पात्र की टीम भी मौके पर पहुंची। लेकिन किसी बच्चे ने खाना नहीं खाया। लिहाजा टीम मिड-डे-मील वापस लेकर लौट आई।दरअसल, प्राथमिक विद्यालय लाजपत नगर में सोमवार को एक दर्जन बच्चे खाना खाने बीमार हो गए थे। उन्हें उल्टी शुरू होने से स्कूल में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में छह बच्चों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को भी पढ़ने आए बच्चों पर इसकी दहशत साफ नजर आ रही थी। चूंकि इस विद्यालय में भी अक्षय पात्र फाउंडेशन ने मिड-डे-मील दिया था। इसलिए मंगलवार को अक्षय पात्र के डायरेक्टर ऑपरेशन विनय एन कुमार अपनी टीम के साथ प्राथमिक विद्यालय लाजपत नगर पहुंचे। इस दौरान अक्षय पात्र के कर्मचारी भी मिड-डे-मील भी वितरण करने पहुंच गए। अधिकारियों ने बच्चों को खाना वितरण के लिए कहा। लेकिन किसी भी बच्चे ने खाने से इंकार कर दिया। अक्षय पात्र के अधिकारियों का दावा है कि उनके खाने में कोई खराबी नहीं थी, क्योंकि यही खाना कई और स्कूलों में भी दिया गया। वहां किसी बच्चे की तबियत नहीं खराब थी। उनकी मानें तो लाजपत नगर केप्राथमिक विद्यालय के बाहर ही पेटिंग का काम चलता है, बच्चों ने वहींं पर खाना खाया जिससे पेंट की महक व थिनर से उनकी तबियत बिगड़ी थी।
सोमवार को मिड-डे-मील खाने से जिन बच्चों की तबियत खराब होने पर उन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को उनकी हालत में सुधार होने पर चिकित्सकों ने डिस्चार्ज करते हुए घर भेज दिया। जिला समन्वयक मिड-डे-मील आनंद गौड़ का कहना है कि बच्चों की तबियत ठीक हो गई थी, इसलिए उन्हें ट्रामा सेंटर से घर भेज दिया गया है।
जानकीपुरम। कोई पराठा-सब्जी लेकर आया था तो कोई कुछ और। परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील के तहत बंटने वाले भोजन में आए दिन मिल रही शिकायतों से बच्चे किस कदर दहशत में हैं इसका नजारा प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय छावनी मड़ियांव में देखने को मिला। मंगलवार को यहां की छात्रा आफरीन, सारिया, ऊषा, नरगिस, जुल्फी, संजना, खुशी, शबा, अनुराधा व शोयबा खातून सहित कई बच्चे घर से टिफिन लेकर आये थे। उनका कहना था कि मिड डे मील के तहत मिलने वाला भोजन उन्हें अच्छा नहीं लगता है इसलिए वह अक्सर घर से खाना लेकर आते हैं। वहीं कुछ का यह भी कहना था कि उनके अभिवावक एमडीएम का भोजन खाने से मना करते हंै। गौरतलब है कि आपको बता दे कि बीते वर्ष 21 जुलाई को पूर्व माध्यमिक विद्यालय छावनी मड़ियांव में चावल में कीड़ा निकला था जिसके बाद बच्चों ने खाना खाने से इंकार कर दिया था।चिनहट। मिड-डे-मील के खराब खाने की शिकायत तो आम सी है, आए दिन सरकारी स्कूल के बच्चे इस खाने के शिकार होते रहते हैं। इसके बावजूद भी इसमें कोई सुधर नहीं किया जाता। केवल जब मामला आता है तब जांच पड़ताल करके फिर हालत वैसी ही हो जाती है। मंगलवार को चिनहट के प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील में छात्रों को कच्चा चावल व पानी वाली दाल परोसी गई हैं। इसके अलावा कुछ प्राथमिक विद्यालयों में समय से मिड-डे-मील भी नहीं पहुंचा। चिनहट के शाहपुर, सेमरा, अनौराकला सहित कई प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील में कच्चा व जला चावल परोसने की शिकायत रही। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि अक्सर बच्चे मिड-डे-मील खाने से इन्कार कर देते हंै। खराब गुणवत्ता के खाने की शिकायत कई विद्यालयों के शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग व खंड शिक्षा अधिकारी की। लेकिन खाने में कोई सुधार नहीं हुआ। वहीं गणेशपुर रहमानपुर, नौबस्ता, धांवा, कंचनपुर मटियारी सहित और भी कई विद्यालयों में मिड-डे-मील समय से नहीं पहुंचा। शिक्षकों की मानें तो मिड-डे-मील में पहले बच्चों को दूध दिए जाने की योजना भी विफल होती नजर आ रही है। बीच में यह हुआ भी था कि बच्चों को फिर से दूध दिया जाएगा, लेकिन बजट के अभाव में दूध बंद कर दिया गया था, जो कि अब तक भी फिर से नहीं मिला है।
📌 लखनऊ : बच्चों ने किया मिड-डे-मील का बहिष्कार, अक्षयपात्र की टीम इस मामले की जांच के लिए स्कूल पहुंची, टीम के सदस्यों ने बच्चों से मील खाने का आग्रह किया।
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