चार वर्ष से परिषदीय विद्यालयों को नहीं मिला एक धेला
कन्नौज, जागरण संवाददाता : एक तरफ जिला प्रशासन शिक्षा के उन्नयन को लेकर आए दिन नए प्रयास कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग को प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के निर्माण के लिए चार वर्ष से एक भी धेला नहीं मिला है। इससे शिक्षा की नींव मजबूत नहीं हो पा रही है। हाल यह है कि बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर तक का सफर तय करना पड़ रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2012-13, 13-14 व 14-15 में 75 परिषदीय विद्यालयों के निर्माण के लिए बजट की मांग की। इसमें 15 उच्च प्राथमिक विद्यालय शामिल थे। एक विद्यालय के निर्माण पर 22.36 लाख रुपए खर्च होने थे। बेसिक शिक्षा विभाग पूरे वर्ष भर शासन से बजट की मांग करता रहा, लेकिन बजट अभाव में उसे धेला नहीं दिया गया। इसकी वजह से इन स्कूलों का निर्माण कार्य नहीं हो सका। वित्तीय वर्ष 2015-16 में भी बेसिक शिक्षा विभाग ने 36 स्कूलों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। नौ माह का समय गुजर जाने के बाद भी बीएसए विभाग को स्कूल निर्माण को बजट उपलब्ध नहीं हुआ है। अब बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए अन्य मद से स्कूल निर्माण कराए जाने पर विचार-विमर्श कर रहा है।
स्कूल निर्माण में इन मानकों का होता प्रयोग
सर्व शिक्षा अभियान के तहत तीन किमी क्षेत्र पर एक उच्च प्राथमिक विद्यालय होना चाहिए। इसी तरह हर दो किमी या 500 की आबादी पर एक प्राथमिक विद्यालय स्थापित होना चाहिए। इससे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर तक रास्ता न तय करना पड़े। निर्धारित नियम के अनुसार ही बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरे जनपद में स्कूलों की कमी को देखते हुए निर्माण कराए जाने के लिए बजट की मांग की थी। बजट न मिल पाने की वजह से इन विद्यालयों का निर्माण कार्य नहीं हो सका।
अफसर बोले
" "बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शासन से स्कूल निर्माण के लिए प्रत्येक वर्ष बजट की मांग की जाती है। बजट न मिलने की वजह से विद्यालयों का निर्माण नहीं हो पाता है। बजट मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। " "
-रामकरन यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी।