सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में प्रदर्शन : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने उठाई समायोजन की मांग, शैक्षिक योग्यता के आधार पर हो शिक्षक भर्ती
अंबेडकरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने समायोजन को लेकर रविवार को कलक्ट्रेट के निकट धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व में किए गए वादों से अब मुकर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र ही उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ, तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष आनंद रमन ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश सरकार सिर्फ समायोजन किए जाने का वादा कर रही है, लेकिन इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान सभी टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का समायोजन किए जाने का वायदा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद लंबा समय बीत गया, इसके बाद भी इस वादे को पूरा नहीं किया जा सका है। कुछ अभ्यर्थियों का समायोजन कर प्रदेश सरकार ने महज औपचारिकता ही निभाई है। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों का शीघ्र ही समायोजन किए जाने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों का समायोजन कर भी दिया गया है, उनका भुगतान अब तक नहीं हो सका है। इससे उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र ही समायोजन प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई और समायोजित शिक्षकों का भुगतान नहीं किया गया, तो लखनऊ विधानभवन के समक्ष धरना दिया जाएगा। इस दौरान अरुण चौरसिया, रवि प्रकाश, जीतेंद्र मौर्य, इरशाद आलम, जितेंद्र, संतराम आदि मौजूद रहे।
शैक्षिक योग्यता के आधार पर हो शिक्षक भर्ती
अंबेडकरनगर। टीईटी एकेडमिक संघर्ष मोर्चा ने रविवार को कलक्ट्रेट के निकट धरना दिया। वक्ताओं ने कहा बीते वर्षों में शैक्षिक योग्यता के आधार पर शिक्षक भर्ती की घोषणा की गई थी। हालांकि बाद में ऐसा नहीं हो सका। इससे एकेडमिक योग्यता रखने वाले युवा अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। अब और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब आरपार का संघर्ष किया जाएगा। जिलाध्यक्ष प्रवीण पटेल ने कहा कि एकेडमिक मेरिट के आधार पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की शिक्षक के पद पर तैनाती की जाए। वर्ष 2012 में इसके लिए विज्ञापन निकला था, लेकिन बाद में उसे निरस्त कर दिया गया। इससे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कहा गया कि प्रदेश सरकार अब अपने पूर्व में किए गए वायदे से मुकर रही है। इसका खामियाजा उसे आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र ही उनकी मांग के अनुरूप प्रक्रिया नहीं शुरू की गई, तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। इस दौरान हेमंत कुमार, रामपूजन, परशुराम, मंगेश, राघवेंद्र, अवधेश सोनी आदि मौजूद रहे।