तीन वर्ष बाद भी प्रशिक्षणार्थियों को नहीं मिला मानदेय
हरदोई, जागरण संवाददाता : जिम्मेदारों की लचर कार्यशैली के कारण तीन वर्ष पूर्व डायट में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कई प्रशिक्षणार्थियों को छह माह का मानदेय अभी नहीं मिल सका है। जिसके लिए वह डायट और बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वर्ष 2012 में स्थानीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में विशिष्ट बीटीसी 2008 चयन के 49 प्रशिक्षणार्थियों ने छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। प्रशिक्षण के दौरान इन्हें प्रतिमाह 2500 रुपये के हिसाब से मानदेय दिए जाने का प्राविधान था। गत दिनों 49 लोगों के इस बैच से संबंधित अधिकतर लोगों के खातों में छह माह के 15 हजार रुपये की धनराशि हस्तांतरित की जा चुकी है, लेकिन इसी बैच के दर्जनों प्रशिक्षणार्थियों को अभी भी मानदेय नहीं हो सका है। इस संबंध में जानकारी करने पर लेखा विभाग से बताया कि डायट से भेजी गई प्रशिक्षणार्थियों की सूची में कई नाम डबल दर्ज हैं। सूची में खामी के चलते शेष रह गए प्रशिक्षणार्थियों का मानदेय भुगतान नहीं हो सका। उधर प्रशिक्षणार्थियों ने डायट प्राचार्य को प्रार्थना पत्र देकर मानदेय दिलाए जाने की बात कही। डायट से पुन: शेष रह गए प्रशिक्षणार्थियों के मानदेय का भुगतान किए जाने के संबंध में सूची गत सितंबर में भेजी जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक इन प्रशिक्षणार्थियों को मानदेय नहीं मिल पाया है। डायट प्राचार्या डा. मीरा पाल का कहना है कि यदि मानदेय के संबंध में सूची में गड़बड़ी पाई गई तो इसकी जांच कराई जाएगी। शीघ्र ही मानदेय से वंचित रह गए सभी प्रशिक्षणार्थियों को मानदेय दिलाए जाने की कार्यवाही की जाएगी।