इलाहाबाद : कान्वेंट में दाखिले को बीएसए दफ्तर में मजमा, बीएसए कार्यालय पर 16 मार्च तक दे सकते हैं प्रार्थना पत्र
इलाहाबाद : निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने अपवंचित व निर्बल समूह के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दिलाने की योजना बनाई है। इस बाबत ‘दैनिक जागरण’ में खबर प्रकाशित हुई तो शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में लोगों का मजमा लग गया।
निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अपने बच्चों प्रवेश दिलाने के लिए तमाम अभिभावकों ने आवेदन किए। बीएसए कार्यालय पर मेंहदौरी कालोनी निवासी दिव्यांग राजकुमार गौतम ने अपने बेटे व बेटी, तेलियरगंज के संजय कनौजिया व रसूलाबाद के दिनेश शुक्ल ने बेटे को प्रवेश दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इनके अलावा कई लोग बीएसए कार्यालय पहुंचे। उन्होंने अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए सारी खानापूर्ति की। सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक अभिभावकों के आने का क्रम जारी रहा।
अभी तक इस व्यवस्था के तहत शहरी क्षेत्रों के बच्चों को दाखिला मिलता था। इस बार शहरी सीमा के दायरे से एक किलोमीटर की दूरी तक के ग्रामीण क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके तहत जहां परिषदीय या सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय नहीं हैं, वहां रहने वाले बच्चों को उनके क्षेत्र में स्थित निजी कांवेंट स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा। बच्चों को वहां कक्षा आठ तक पढ़ाया जाएगा। उनकी शिक्षा का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। दाखिले के लिए बीएसए कार्यालय पर 16 मार्च तक आवेदन किया जा सकता है। इस समयावधि में आए प्रार्थना पत्रों की पड़ताल कराकर संबंधित बच्चों का विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा।
बीते साल हुए 97 प्रवेश :
निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत पिछले साल 2015 में 97 बच्चों का प्रवेश हुआ था। बीएसए राजकुमार ने अपवंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों की पहचान करा उनका दाखिला कराया गया था।
जागरूकता का अभाव : बीएसए
बीएसए राजकुमार का कहना है कि निश्शुल्क शिक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है। इसके चलते वह आवेदन नहीं करते। उनके पास अभी तक एक भी आवेदन नहीं आया है। अगर आएगा तो कार्रवाई कर पूरा कराया जाएगा।
📌 इलाहाबाद : कान्वेंट में दाखिले को बीएसए दफ्तर में मजमा, बीएसए कार्यालय पर 16 मार्च तक दे सकते हैं प्रार्थना पत्र
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