लखनऊ : समाप्त हो यूजीसी नेट की अनिवार्यता, 2009 के पूर्व के पीएचडी धारकों ने दिया जीपीओ पर धरना
जागरण संवाददाता, लखनऊ : 2009 से पूर्व के पीएचडी धारकों व पंजीकृत अभ्यर्थियों ने यूजीसी नेट की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को लेकर धरना दिया। जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर आल इंडिया पीएचडी होल्डर्स एसोसिएशन व उच्च शिक्षा उत्थान समिति के बैनर तले पीएचडी धारकों ने धरना देकर प्रधानमंत्री व राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से भेजा है।
ज्ञापन में कहा है कि विश्वविद्यालयों में प्रवक्ता पद पर नियुक्ति व स्ववित्तपोषित डिग्री कालेजों में कार्यरत पीएचडी धारकों को प्रवक्ता पद पर अनुमोदन नहीं किया जा रहा है। अब नए नियमों के अनुसार प्रवक्ता पद पर यूजीसी नेट की अनिवार्यता रखी गई है जो पहले नहीं थी। इस कारण इस नियम के चलते उप्र में लाखों पीएचडी धारक प्रभावित हो रहे हैं और वह प्रवक्ता पद नियुक्त नहीं हो पा रहे हैं। मांग की गई है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वर्ष 2009 से पूर्ववर्ती पीएचडी धारकों की प्रवक्ता पद पर नियुक्ति में यूजीसी नेट की अनिवार्यता समाप्त कराई जाए।
धरने में समिति के महामंत्री जेपी सिंह चेतावनी दी गई कि अगर जल्दी फैसला नहीं किया गया तो हजारों पीएचडी धारक दिल्ली में यूजीसी भवन का घेराव करके प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर डॉ. एमपी सिंह, विमर्श शुक्ला, डॉ. प्रीती सिंह व डॉ. अजय मिश्र सहित कई लोग उपस्थित थे। धरने में आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई ने मांगों का समर्थन किया है।