बलिया : अंशकालिक अनुदेशकों का हो समायोजन, अनुदेशक को सप्ताह में न्यूनतम 24 कालांश में अध्यापन कार्य करना अनिवार्य
बलिया : उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अंशकालिक अनुदेशकों को भी समायोजित करने आदि से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल ने कहा कि कहने के लिए तो अनुदेशक अंशकालिक हैं पर इनसे अध्यापन का कार्य पूर्णकालिक ही लिया जाता है। प्रत्येक अनुदेशक को सप्ताह में न्यूनतम 24 कालांश में अध्यापन कार्य करना अनिवार्य होता है। इसमें प्रधानाध्यापक द्वारा आवश्यकतानुसार अनुदेशकों से विद्यालय समय में अन्य विषयों का अध्यापन कार्य भी लिया जा रहा है। इतना ही नहीं नियुक्ति के समय से अब तक उनसे अध्यापकों के समान ही समय व कार्य लिया जा रहा है। इस प्रकार अनुदेशक कहने को ही अंशकालिक हैं लेकिन उनका कार्य पूर्णकालिक ही है। ऐसे में अनुदेशकों का जमकर शोषण हो रहा और उनको उचित हक भी नहीं मिल रहा है। कोषाध्यक्ष अवधेश भारती ने कहा कि अनुदेशकों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2010 में की गई थी। इसके अनुसार प्रत्येक परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में अंशकालिक अनुदेशकों को कला विषयों की शिक्षा देनी थी।
अनुदेशक तो अपना कार्य मानक के अनुरूप कर रहे पर उनसे अतिरिक्त कार्य लेकर उनका हरसंभव शोषण किया जा रहा है। ऐसे में अनुदेशकों को भी अपने विषयों में समायोजित किया जाए। ज्ञापन देने में पंकज यादव, देवेश पाण्डेय, ज्योति वर्मा, अखिलेश वर्मा, अनुज, ब्रजेश, दीप नारायण तिवारी, ललिता प्रसाद, संतोष चौहान, शशिभूषण यादव आदि मौजूद थे।