लखनऊ : एससी-एसटी शिक्षकों का हो रहा है शोषण, अगर मांगों का निस्तारण 28 तक नहीं किया गया तो महासंघ विवश होकर दो मार्च को लक्ष्मण मेला मैदान में धरना देने को बाध्य होगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बेसिक शिक्षक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय संयोजक डॉ. राम बिलास भारती ने कहा कि यूपी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति शिक्षकों, कार्मिकों का सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व का सर्व्ज़ कराए बगैर सूबे के शासन द्वारा यह मान लिया जाना कि इनका प्रतिनिधित्व पूर्ण है और इस आधार पर पदावनत जैसी कार्यवाही किया जान न्यायोचित नहीं है। विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सूचना के आधार पर वास्तव में अभी भी एससी-एसटी सामाजिक व शैक्षिक रूप से पिछड़ा हुआ है और इनका प्रतिनिधित्व अपर्याप्त है। वे रविवार को यूपी प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि समाज में जातिगत आधार पर एससी-एसटी शिक्षकों का शोषण व उत्पीड़न जारी है। जिससे एक तरफ इनका मानसिक व आर्थिक शोषण हो रहा है। बताया कि महासंघ ने चेतावनी देते हुए आगाह किया कि अगर मांगों का निस्तारण 28 तक नहीं किया गया तो महासंघ विवश होकर दो मार्च को लक्ष्मण मेला मैदान में धरना देने को बाध्य होगा।
📌 लखनऊ : एससी-एसटी शिक्षकों का हो रहा है शोषण, अगर मांगों का निस्तारण 28 तक नहीं किया गया तो महासंघ विवश होकर दो मार्च को लक्ष्मण मेला मैदान में धरना देने को बाध्य होगा।
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