बस्ती : फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी हथियाने वाले बस्ती में 5 शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त
बस्ती(ब्यूरो)। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी हथियाने वाले पांच शिक्षकों की नियुक्ति संयुक्त शिक्षा निदेशक ने निरस्त कर दी है। इनके विरुद्ध धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। कार्रवाई के दायरे में संतकबीरनगर के तीन और बस्ती के दो राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक हैं। इनमें दो महिलाएं हैं। इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। जेडी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि अधिकतर फर्जी प्रमाण पत्र आगरा विश्वविद्यालय के पाए गए हैं।
बताया कि अभी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। मंडल में कुल 155 महिला और 119 पुरुष सहित कुल 274 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। लगभग एक साल पहले सरकार ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मेरिट के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की थी। बस्ती मंडल में 274 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। जेडी ने बताया कि मेरिट के आधार पर चयनित सभी 274 शिक्षकों को ज्वाइन करा लिया गया, मगर उन्हें तब तक वेतन नहीं देना था जब तक कि शैक्षिक प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट न आ जाए। बताया कि अभी तक जो सत्यापन रिपोर्ट आई है, उनमें पांच शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर सभी पांचों शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है, और संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को संबंधित थानों में धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। बताया कि अभी सभी शिक्षकों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है।
इन शिक्षकों पर गिरी गाजः
फर्जी शैक्षिक प्रमाण के आरोप में जिन शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है, उनमें बस्ती जिले के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंदौली हर्रैया के शिक्षक राहुल दुबे, इसी जिले के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोपालपुर ऊंजी दुबौलिया की शिक्षक शशि प्रभा मिश्रा। संतकबीरनगर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमिला के शिक्षक आयुष, सालेपुर स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार और इसी जनपद के बघौला स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षक सुमन लता चौधरी शामिल हैं।