लखनऊ : जिलाधिकारी ने परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता और आधारभूत ढाँचे को सुधारने के लिए जारी किया 9 सूत्रीय कार्यक्रम, ग्राम पंचायतों के जरिये कार्यों में सहयोग बढ़ाने की होगी कोशिश
लखनऊ। राजधानी के प्रत्येक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब खिड़की दरवाजे से लेकर दीवार, फर्श, छत, गेट, बाउंड्रीवाल से लेकर शौचालय तक की मरम्मत कराई जाएगी। इसके अलावा सभी परिषदीय विद्यालयों की बेहतर तरीके से रंगाई-पुताई भी कराई जाएगी। राजधानी के जिलाधिकारी राजशेखर ने वर्ष 2016-17 के वित्तीय वर्षों के लिए कुछ इसी तरह के कार्य प्रस्तावित किए हैं।जिलाधिकारी के मुताबिक शिक्षा को गुणवत्तापरक एवं परिणाम आधारित बनाना शासन की प्राथमिकताओं में से एक है। इसके लिए सभी जिलों में अच्छे स्कूल बनाए गए हैं जिसमें पर्याप्त संख्या में कक्षाओं के साथ-साथ अधिकतर विद्यालयों में खेलकूद के लिए पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है। लेकिन जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के पास विद्यालयों के रख-रखाव के लिए जो थोड़ी सी धनराशि होती है, वह पर्याप्त नहीं है। इसी वजह से इन विद्यालयों के सभी भवन, ग्राउंड, शौचालय, हैंडपम्प, बिजली आदि का अनुरक्षण बेहतर तरीके से नही हो जाता। इसलिए यह तय किया गया है कि प्राथमिक विद्यालयों में मूलभूत सुविधा को बेहतर बनाते हुए उसकेरख-रखाव को और अधिक मजबूत बनाने के लिए आगामी वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायतों को उपलब्ध होने वाले राज्य वित्त 13वें वित्त, मनरेगा एवं अन्य अनुमन्य मदों में से प्राथमिकता के आधार पर कार्यों का आंकलन कर धनराशि व्यय की जाएगी। उसके बाद यदि धनराशि बचती है तो ग्राम पंचायत द्वारा सूची बद्घ किए गए कार्यों के लिए प्रयोग किया जाएगा।
31 मार्च तक उपलब्ध कराएंगे रिपोर्ट
जो भी प्रस्तावित कार्य होंगे उनमें विशेषकर मरम्मत व नवीन निर्माण के संबंध में राज्य वित्त, 13वें वित्त, मनरेगा व अन्य अनुमन्य मदों का परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जिन-जिन मदों से मूलभूत सुविधाओं के लिए व जनहित में अनुमन्यता केआधार पर धनराशि आहरित की जा सकती है तो ग्राम पंचायत अधिकारी, संबंधिी हेड टीचर व उस ब्लॉक के अवर अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा से समन्वय कर कार्यों में खर्च होने वाले आगणन को उपलब्ध कराएंगे। डीएम ने बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी 31 मार्च तक आगणन की धनराशि स्वीकृत कराते हुए वर्तमान में उपलब्ध बजट व आगामी वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाले बजट से कार्य कराते हुए कार्यवाही की फोटो सहित अपनी आध्या उपलब्ध कराएंगे।
इन कार्यों को प्राथमिकता में किया गया शामिल
🌑 जिस प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में बिजली के लिए आतंरिक वायरिंग नहींं है, उस कार्य को करवाना। बिजली कनेक्शन की व्यवस्था करना।
🌑 बालक-बालिका के लिए अलग-अगल शौचालय न हो तो उसका निर्माण कराना।
🌑 परिषदीय विद्यालयों में हैंडपम्प, यदि रिपेयर व रिबोर के योग्य है तो उसे ठीक कराना।
🌑 हर विद्यालय के प्रवेश द्वार पर विद्यालय का बोर्ड लगवाना। जिस पर विद्यालय का नाम, ग्राम व ब्लॉक अंकित हो।
🌑 प्रत्येक ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारियों द्वारा विद्यालयों के शौचालयों को रोजाना साफ कराना।
🌑 सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी व बीआरसीसी मानक के अनुरूप रोस्टर तैयार कर हर महीने 20 विद्यालयों का निर्धारित प्रारूप पर शिक्षा की गुणवत्ता, स्टूडेंट्स की उपस्थिति आदि की रिपोर्ट बीएसए के माध्यम से डीएम को देंगे।
📌 लखनऊ : जिलाधिकारी ने परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता और आधारभूत ढाँचे को सुधारने के लिए जारी किया 9 सूत्रीय कार्यक्रम, ग्राम पंचायतों के जरिये कार्यों में सहयोग बढ़ाने की होगी कोशिश
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