महराजगंज: मानदेय को लेकर अनुदेशक बेसिक शिक्षा विभाग तथा वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लालफीता शाही के चक्कर में पीस रहे हैं। महीनों से मानदेय नहीं मिलने से अनुदेशकों का गुस्सा उबाल पर है। शनिवार को पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष वरूण पटेल ने कहा कि कार्यरत अनुदेशकों की मानदेय का भुगतान अक्टूबर माह तक हुआ है, जबकि नव नियुक्त अनुदेशक जिन्होंने अपना कार्यभार जुलाई 2015 से ग्रहण किया है। उन्हें केवल एक माह का भुगतान किया गया है। जब इस संदर्भ में जिला संगठन ने 19 जनवरी को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया तो विभाग द्वारा यह कहा गया है कि बजट न होने के कारण मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जब संगठन को यह पता चला कि प्रदेश के अन्य जनपदों में दिसंबर माह तक का भुगतान हो गया है। तब जिला संगठन, सहायक एवं वित्त लेखाधिकारी कार्यालय से पता चला लगाना चाहा कि बजट क्यों नहीं आया, तो कार्यालय में पता चला कि विभागीय लापरवाही की वजह से जिले से मौजूदा सत्र में नवीनीकृत अनुदेशकों की संख्या परियोजना कार्यालय लखनऊ को भेजी ही नहीं गई है। इस संदर्भ में जिला संगठन ने कार्यालय से उचित कार्यवाही की मांग की, जिसका आश्वासन सहायक एवं वित्त लेखाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिया। परंतु कार्यवाही में शिथिलता होने के कारण 15 फरवरी को संगठन ने पुन: एक ज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया। परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे अनुदेशकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसके लिए सीधे तौर पर विभाग के कर्मचारी व अधिकारी जिम्मेदार हैं। इस दौरान प्रमोद, धर्मेंद्र, गो¨वद कुमार, कृष्ण मुरारी, आदर्श मिश्रा, शाहरूख खान, अब्दुल गफ्फार, मो. अकरम, अजय वर्मा, कमल त्रिपाठी आदि कई अनुदेशक उपस्थित रहे।
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