अंबेडकरनगर : प्रदेश सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट में जिले के लोगों को कुछ खास नहीं मिला। हालांकि वित्तविहीन शिक्षकों के लिए मानदेय की व्यवस्था होने से उन्हें सुखद अहसास हुआ। उनकी अर्से से चली आ रही मांग पूरी जो हो गयी।
जिले में धार्मिक पर्यटन के लिहाज से श्रवणधाम, गो¨वद साहब मठ, किछौछा शरीफ व शिवबाबा आदि हैं। इनके विकास के लिए भी बजट से कुछ नहीं किया गया। वहीं टांडा, अकबरपुर व जलालपुर आदि तहसीलों में वस्त्र उत्पादन का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है। सूत और अन्य सहूलियतें सरकार की ओर से मिलने के कारण बुनकर व्यवसाय पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इनके लिए भी बजट का मुंह बंद ही नजर आ रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के प्रदेश अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद का कहना है कि प्रदेश सरकार बुनकरों को रियायती दर पर बिजली तो दे रही है, इसे जारी रखने का फैसला लिया है। साथ ही 15 करोड़ रुपये पॉवरलूम के लिए बजट में प्रावधान किया है। भाजपा के राष्ट्रीय कार्य परिषद के सदस्य रमाशंकर ¨सह का कहना है कि गरीबों, किसानों व बेरोजगारों का ज्यादा भला नहीं होने वाला। जिले के लोगों को इस बजट से निराश होना पड़ेगा। सपा लोहिया वाहिनी जिलाध्यक्ष डॉ. अभिषेक ¨सह कहते हैं कि वित्तविहीन शिक्षकों के लिए मनादेय का प्रावधान कर लाखों परिवारों को बड़ी राहत दी गई। कारण वह वर्तमान में दो से तीन हजार रुपये पर शिक्षण कार्य कर रहे थे। वित्तविहीन शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद हीराराम पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दो सौ करोड़ रुपये से अधिक बजट का प्रावधान करने से अधिकांश शिक्षकों को मानदेय मिल सकेगा। मानदेय की घोषणा से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। लोगों ने अबीर-गुलाल उड़ा खुशी का इजहार किया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सैयद मेराजुद्दीन किछौछवी कहते हैं कि प्रदेश सरकार ने जिले की उपेक्षा की। इस कारण यहां के लोगों को कुछ हासिल नहीं हो सका।