बलरामपुर : प्राथमिक कक्षाओं में आकलन सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है जो हमें यह समझने में मद्द करता है कि शिक्षण किस प्रकार का हो। आकलन रोज की गतिविधियों के साथ स्वाभाविक रूप से किया जाना चाहिए। हम बच्चों को सीखने के लिए अवसर मुहैया कराएं। उक्त बातें ब्लॉक संसाधन केंद्र बदलपुर (उतरौला) में बालिका शिक्षा कार्यक्रम बहुमुखीकरण कार्यशाला के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी शत्रुघ्न सरोज ने कही। इस दौरान शिक्षा के लिए सहयोगी बनी केयर इंडिया के प्रशिक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने शिक्षकों को अपनी भाषा में बातचीत की आजादी, छोटी कहानियां, कविताएं, बाल साहित्य, अखबारों की कतरन आदि को विषय बनाकर उन पर चर्चा करने पर जोर दिया। श्रवण कुमार विमल ने गणित का सीखना, सिखाना, गणित सिखाने का नजरिया, गणित की अवधारणा का विकास व बच्चों का आंकलन करने की विधि भी शिक्षकों को समझाई। एबीआरसी उदयभान ने बच्चों को पढ़ने, सुनने व अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता देने पर जोर दिया। असलम राइनी ने बच्चों को कक्षा में अपने साथियों की बोलियों पर गौर करने के अवसर उपलब्ध कराने का तरीका बताया। प्रशिक्षण कार्यशाला में पांचों न्याय पंचायतों के कई शिक्षक मौजूद रहे।
BASIC SHIKSHA, KGBV, SPORT, TRAINING : बेसिक, माध्यमिक और कस्तूरबा के
छात्रों व शिक्षकों को खेलकूद में तैयार करेंगे विदेशी प्रशिक्षक, डेनमार्क और
स्वीडन की एजेंसियों से बुलाए जाएंगे कोच
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*BASIC SHIKSHA, KGBV, SPORT, : बेसिक, माध्यमिक और कस्तूरबा के छात्रों व
शिक्षकों को खेलकूद में तैयार करेंगे विदेशी प्रशिक्षक, डेनमार्क और स्वीडन
की एजेंसि...