कुशीनगर: सदर विकास क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय होरलापुर में जरूरत के हिसाब से शिक्षक न होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। डेढ़ सौ से अधिक बच्चों के नामांकन वाले इस विद्यालय पर महज एक महिला शिक्षक तैनात हैं, उपर से वह एनपीआरसी भी हैं। ऐसे में विद्यालय में पठन-पाठन की स्थिति सहज ढंग से जानी जा सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय से महज पांच किमी की दूरी पर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय होरलापुर में चालू शैक्षिक सत्र में एक सौ पचपन छात्र-छात्राओं का नामांकन है। औसतन सौ व सवा सौ बच्चे हर दिन विद्यालय में पढ़ने आते हैं लेकिन उन्हें मुकम्मल शिक्षा नहीं मिल पाती। क्योंकि विद्यालय पर महज एक शिक्षिका की ही तैनाती है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि विद्यालय पर तैनात शिक्षिका पर एनपीआरसी का भी दायित्व है। इससे अक्सर उन्हें विभागीय कार्यों के चलते भाग-दौड़ करनी पड़ती है। खाली समय में भी विद्यालय आए बच्चों की पढ़ाई की कौन कहें हालात कुछ यह बन जाता है कि इन बच्चों को संभालना मुश्किल होता है। इधर विद्यालय में नामांकित छात्रों के अभिभावक विद्यालय के मौजूदा स्थिति को लेकर ¨चतित हैं। उनका कहना है कि पड़ोस में स्थित देवरिया पूर्व माध्यमिक में बच्चों की संख्या कम है लेकिन वहां चार शिक्षकों की तैनाती है। अभिभावकों का आरोप है कि विभागीय उदासीनता के चलते शैक्षिक कार्यों में आ रही बाधा से बच्चों का हित प्रभावित हो रहा है।
BASIC SHIKSHA, APAAR, UDISE : निजी व सरकारी विद्यालयों में अपार आईडी बनाने
को लगा रहे कैंप, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर होगी समीक्षा, सरकारी स्कूलों
में 52 फीसदी की नहीं बनी अपार आईडी
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