गोण्डा : शिक्षा के मंदिर में बदहाली की 'पाठशाला', अनुपस्थित चल रहे शिक्षक के खिलाफ के कार्रवाई के साथ ही बीईओ की भी जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जाएगी।''-डा. फतेह बहादुर ¨सह, बीएसए गोंडा
गोंडा: शिक्षा का मंदिर, ये शब्द भले ही ज्ञान के लिए उपयुक्त माना जाता हो, लेकिन यहां साक्षरता की जगह बदहाली की पाठशाला चल रही है। ये हालात तब है जब शिक्षा को हर बच्चे का पहला अधिकार माना गया है। शिक्षा की असली तस्वीर देखनी है तो आप तरबगंज शिक्षाक्षेत्र के प्राथमिक स्कूल पिपरीरोहुवा जाइए, हकीकत क्या है ये पूंछने की जरुरत नहीं है। फिलहाल, अफसर मामले में कार्यवाही की बात कह रहे हैं।
मामला तरबगंज विकास खंड की ग्राम पंचायत पिपरीरोहुवा का है। गांव के बंजर व आबादी की भूमि पर स्कूल का निर्माण 1950 में कराया गया था। अभी तक राजस्व अभिलेखों में स्कूल का नाम तक नहीं दर्ज हो सका है। स्कूल की चहारदीवारी न होने के साथ ही भवन जर्जर हो गया है। परिसर में बना शौचालय भी बदहाली का शिकार है, जिससे बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। स्कूल परिसर की जमीन अतिक्रमण का शिकार हो गई है, जिससे उसके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। गांव में क्रीड़ा स्थल भी अतिक्रमण से बच नहीं सका है। यहां पेयजल के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दम तोड़ रही हैं। परिसर में बने पंचायत भवन में गन्ने की कटाई करने वाले बाहरी लोग निवास करते हैं। जबकि एमडीएम व्यवस्था दिसंबर माह से ठप पड़ी है।
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“प्राथमिक स्कूल बदहाली का शिकार है, कई बार समस्याओं की जानकारी अधिकारियों को दी गई लेकिन समाधान नहीं हुआ। एमडीएम तीन माह से ठप है, जबकि शौचालय भी ध्वस्त है। जिससे बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को मैंने स्कूल का जायजा लिया, जहां प्रशिक्षु शिक्षक अभिनव त्रिपाठी व प्रेरक अनुपस्थित मिली। उपस्थित पंजिका के अवलोकन में पता चला कि प्रशिक्षु शिक्षक कई दिनों से गायब चल रहे हैं। जिसकी सूचना बीईओ को दी गई, लेकिन उन्होंने कार्रवाई से हाथ खड़े कर लिए।''
-विनय कुमार शुक्ल, प्रधान पिपरीरोहुवा
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“पिपरीरोहुवा स्कूल की विस्तृत रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी तरबगंज से मांगी जा रही है। अनुपस्थित चल रहे शिक्षक के खिलाफ के कार्रवाई के साथ ही बीईओ की भी जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जाएगी।''
-डा. फतेह बहादुर ¨सह, बीएसए गोंडा