जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : सरकारी महकमों में फर्जीवाड़ा अब आम बात है। कमोबेश सभी महकमों का यही हाल है। लेकिन अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति में बड़ा खेल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन अब इनका सत्यापन डोर टू डोर कराएगा। दोषी मिलने पर वूसली भी होगी।
दरअसल छात्रवृत्ति के डॉटा फीडिंग में लगभग 50 फीसद छात्रों के आवेदन निरस्त होने के बाद शासन की निगाह आधा दर्जन महकमों की कार्यप्रणाली पर घूमी है, जिनमें अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग, समाज कल्याण व प्रोबेशन विभाग में सबसे बड़ा घपला होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
अल्पसंख्यक में आवेदन ही निरस्त
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में भी घपला पकड़ में आया है। मदरसों व स्कूलों द्वारा भेजे गए छात्रवृत्ति के आवेदनों में 60 फीसद से अधिक आवेदन निरस्त हो गए। इसकी वजह छात्रों के नाम अन्य मदरसों में भी शामिल होना माना जा रहा है। यह सिलसिला दो दशक से जारी है। 2014-15 के शिक्षण सत्र में यह पकड़ में आया है।
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पिछड़ा वर्ग में भी पचास फीसद आवेदन निरस्त
यही मामला पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रवृत्ति का है। स्कूलों द्वारा भेजे गए आवेदनों में 50 फीसद से अधिक निरस्त हो गए। छात्रों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग के महकमे भी इसमें शामिल हैं।
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अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति में भी गड़बड़ी
छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा अनुसूचित जाति व जनजाति में भी सामने आया है। इन सभी में लगभग सौ करोड़ रुपये का घपला होने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि वास्तविकता जांच के बाद ही सामने आएगी। विधवा पेंशन में हुए घोटाले में प्रोबेशन विभाग के बाबू चुन्नी लाल व मुकुट सिंह जेल की हवा खा रहे हैं। उनपर हत्या कराने का आरोप भी है।
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छात्रवृत्ति में घपला है। खुलासा भी हो चुका है। अब सत्यापन कराया जाएगा। अधिकारी गांव व स्कूलों में जाकर जांच करेंगे। दोषी पाए जाने पर वसूली होगी। बख्शा नहीं जाएगा।
आंद्रा वामसी, मुख्य विकास अधिकारी