दो लेखाधिकारी आयोग में तलब
बदायूं : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ लिपिक को छह महीने से वेतन न मिल पाने का मामला राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में पहुंचने के बाद आयोग ने जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी को तलब किया है।
बीएसए कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक पद पर कार्यरत ललित मौर्य को छह महीने से वेतन न दिए जाने की शिकायत अमरवती मौर्य ने आयोग से की थी। सुनवाई के लिए आयोग ने जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा के लेखाधिकारी को आख्या, अभिलेख व साक्ष्यों समेत तलब किया है, इससे पहले 28 दिसंबर को सुनवाई के लिए बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी को भेजा, जिसके अंतर्गत पंद्रह दिनों के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया गया था, इसके बाद भी भुगतान नहीं किया गया, जिसपर दोबारा 16 फरवरी को सुनवाई होगी। असल में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत ललित मौर्य को पदोन्नत कर बीएसए कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक पद की जिम्मेदारी दी गई थी। बेसिक शिक्षा के लेखा विभाग में वेतन बिल भी भेजा गया था। वित्त एवं लेखाधिकारी महिमा चंद ने वेतन जारी करने के लिए कार्यालय के पद सृजन की कापी मांगी जो मुहैया नहीं कराई गई, जिससे स्थिति जस की तस बनी है।
पुराने को दिया तो नए को भी दो वेतन
नियमानुसार बीएसए कार्यालय में एक वरिष्ठ सहायक, एक शिविर सहायक, दो वरिष्ठ लिपिक, एक कनिष्ठ लिपिक व एक उर्दू अनुवादक के पद हैं, जिसके अंतर्गत वरिष्ठ लिपिक पद पर मनोज सक्सेना व सत्यप्रकाश शर्मा तैनात थे। सत्यप्रकाश शर्मा को स्थानांतरण बिसौली के राजकीय इंटर कॉलेज में कर दिया गया, उनके स्थान पर ललित मौर्य को पदोन्नत कर भेजा गया। सत्यप्रकाश शर्मा को तो वेतन दिया जाता रहा, लेकिन ललित मौर्य के वेतन पर रोक लगाना चर्चा का विषय बना है।