जागरण संवाददाता, भानपुर, बस्ती : केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार स्वच्छ भारत मिशन को आखिरकार सफलता कैसे मिलेगी, जब जिम्मेदार ही बेपरवाह बने हुए हैं। एक ओर सरकार खुले में शौच जैसी कुप्रथा को समाप्त करने को प्रयासरत है, वहीं प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों पर बने अधिकतर शौचालयों में ताला बंद है।
बदहाल शौचालयों की दशा सुधारने का फरमान हवा हवाई साबित हो रहा है। बालिकाओं व विद्यालय में तैनात महिला अध्यापकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सल्टौआ गोपालपुर विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय कोरियाडीह में बने बालिकाओं के शौचालय में टूटा दरवाजा दोबारा नहीं लग पाया है। बालकों का शौचालय भी अपने हाल पर आंसू बहा रहा है। कमोवेश यही हाल हर विद्यालय की है। रामनगर विकास खण्ड के प्राथमिक व कन्या प्राथमिक विद्यालय सगरा पर बने शौचालयों पर ताला लटकता पाया गया। शौचालयों के अंदर लगे हैण्डपंप बेपानी हैं।