गोरखपुर : आश्रम पद्धति इंटर कालेज बिशुनपुरा चौरीचौरा में एक छात्र की मौत , शव गेट पर रखा छात्रो ने किया हंगामा, अधीक्षक को पीटा ,एसडीएम को दौड़ायाडीएम ने दी अनुशासन की सीख
गोरखपुर : आश्रम पद्धति इंटर कालेज, विशुनपुरा चौरीचौरा के हास्टल में रहने वाले सोनभद्र के बीमार छात्र विजय सिंह की शुक्रवार को मौत हो गई। इलाज में लापरवाही और सुविधाओं में कटौती का आरोप लगाते हुए छात्रों ने विद्यालय गेट पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। जिला समाज कल्याण अधिकारी और विद्यालय अधीक्षक समझाने पहुंचे तो गुस्साए छात्रों ने लाठी डंडों से उन पर हमला बोल दिया। एसडीएम चौरीचौरा और पुलिसकर्मी छात्रों का रौद्र रूप देखकर भाग खड़े हुए। कुछ देर बाद बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के पहुंचने पर छात्र शांत हुए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। शाम को पहुंचे डीएम और एसएसपी ने 24 घंटे में समस्याएं दूर कराने का आश्वासन दिया, जिस पर छात्र शांत हुए।
चौरीचौरा संवाददाता के अनुसार सोनभद्र के दुद्धी थाना क्षेत्र के कोइटी गांव का 13 वर्षीय विजय कक्षा पांच का छात्र था। छात्रों के मुताबिक विजय तीन-चार दिन से बीमार था। विद्यालय के फार्मासिस्ट परमानंद उसका इलाज कर रहे थे। एक्सपाइरी दवा देने के चलते तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद छात्रों ने चंदा जुटाया और बाहर से दवा दिलाई। गुरुवार की रात विजय की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे छात्र उसे लेकर चौरीचौरा सीएचसी पहुंचे, जहां डाक्टर एके गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया।
साथी छात्र की मौत की खबर सुनते ही हास्टल के छात्रों ने अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच पहुंचे विद्यालय के अधीक्षक सुधीर कुमार पांडेय व समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह अस्पताल पहुंच गए। अधिकारी छात्र के शव को उसके घर मिर्जापुर भेजने की बात कह रहे थे जबकि छात्र शव को लेकर विद्यालय जाने की जिद पर अड़ गए। छात्र शव को जबरदस्ती टेंपो में लादकर विद्यालय गेट पर पहुंच गए और शव रखकर हंगामा करने लगे। दोपहर करीब 12 बजे पहुंचे अधीक्षक और समाज कल्याण अधिकारी ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो छात्रों ने उन पर लाठी डंडों से हमला कर दिया, जिसमें दोनों लोग घायल हो गए। इसी बीच थाने की फोर्स लेकर पहुंचे एसडीएम चौरीचौरा को देखते ही छात्रों ने पथराव कर दिया जिसके बाद एसडीएम और पुलिसकर्मी भागकर गांव में छिपे और जान बचाई। छात्रों ने स्कूल में रखी आलमारियों में भी तोड़फोड़ कर कागजात फाड़ दिए।
एसडीएम के निर्देश और मामले की जानकारी पाकर एसपी ग्रामीण ने खोराबार, झंगहा, चौरीचौरा थानों की फोर्स और पीएसी मौके पर भेजी जिसके बाद छात्र शांत हुए। छात्रों से तहरीर लेने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
इस संबंध में एसएसपी अनंत देव ने बताया कि छात्र की मौत के बाद गुस्साए छात्रों ने हंगामा किया था, जिन्हें समझा बुझाकर शांत करा दिया गया है। तहरीर मिली है मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सर.. यहां के हालात नर्क से बदतर हैं। हम बहुत परेशान हैं। कमियां इतनी हैं जिसकी सीमा नहीं। बताने पर कोई सुनता नहीं। अगर कोई ज्यादा बोल दे तो उसका नाम काटकर टीसी घर भेज दी जाती है। खाने रहने की व्यवस्था तो दूर पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिलता। आश्रम पद्धति इंटर कालेज, चौरीचौरा के छात्रों ने डीएम और एसएसपी के सामने अपनी दिक्कतों को रखा तो सभी की आंखें खुल गई। अधिकारियों ने भी माना कि दिक्कतें हैं लेकिन उन्हें बहुत जल्द दूर कर दिया जाएगा। इसके लिए जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
चौरीचौरा संवाददाता के अनुसार बीमार छात्र विजय की मौत ने आश्रम पद्धति इंटर कालेज, विशुनपुरा की दुर्व्यवस्थाओं को उजागर ही नहीं किया बल्कि इस पर नजर रखने वाली पूरी प्रणाली का सच सामने ला दिया। छात्रों के आरोप इतने गंभीर थे जिसका जवाब किसी के पास नहीं था।
विद्यालय में हैं 440 छात्र
आवासीय विद्यालय का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। रिटायर्ड प्रधानाचार्य यहां संविदा पर रखे जाते हैं जबकि भोजन और ड्रेस की व्यवस्था ठेकेदार द्वारा कराया जाता है। इसमें विमुक्त जातियों केबच्चे पड़ते है। कक्षा 1 से लेकर इंटर तक के कुल बच्चों की संख्या इस समय 440 के आसपास है। इनमें पूरे प्रदेश के बच्चे शामिल हैं।
मीनू से नहीं मिलता है खाना
डीएम से बातचीत में छात्र अरुण, दीपक, शंकर ने बताया कि कभी भी मीनू के हिसाब से खाना नहीं मिदेंगे।आलू के सिवाय दूसरी सब्जी नहीं मिलती जबकि दाल में बेसन और आटा मिलाकर उसे गाढ़ा किया जाता है। हास्टल में मिलने वाला पानी भी इतना गंदा होता है कि हमेशा बच्चे बीमार रहते हैं।
नहीं मिलता समुचित इलाज
छात्रों का कहना था कि किसी बच्चे के बीमार होने पर इलाज का भी समुचित इंतजाम नहीं होता है। एक फार्मासिस्ट ही सारा इलाज करते हैं। विजय को जो दवा दी गई थी वह भी फरवरी 11 में ही एक्सपायर हो गई थी। उस दवा से फायदा नहीं हुआ जिसके चलते उसकी तबीयत और बिगड़ गई।
पांच बच्चों के लिए दो तख्त
हास्टल में सोने के लिए पांच बच्चों के बीच में दो तख्त उपलब्ध कराए गए हैं। महीने भर में साबुन तेल के लिए महज दस रुपये मिलते हैं इतने रुपये में साबुन तेल कैसे मिल सकता है। मच्छरदानी नहीं मिलती है जिसके चलते रात भर मच्छर काटते हैं।
सोनभद्र के डीएम से कराएंगे मदद
छात्रों ने डीएम को बताया कि विजय बेहद गरीब परिवार का था। उसके परिवार के लिए क्या मदद हो सकती है। इस पर जिलाधिकारी ओएन सिंह ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर सोनभद्र के डीएम से बात करेंगे और परिवार को अधिक से अधिक आर्थिक सहायता दिलाने की कोशिश करेंगे।
पहले हो चुकी है छात्रों की मौत
स्थानीय लोगों और छात्रों ने बताया कि इसके पहले पांच वर्षो के भीतर दो छात्रों की मौत हो चुकी है। एक छात्र की मौत पेड़ से गिरने के चलते हुई थी जबकि दूसरे छात्र को सांप ने काट लिया था। विजय की मौत हास्टल के तीसरे छात्र की मौत है।
साहब.. घर भेज दें बेटे की लाश
विजय की मौत के बाद विद्यालय प्रशासन ने इसकी सूचना उसके घर पर पिता को दी। फोन पर बेटे की मौत की खबर सुनकर फफक पड़े पिता ने कहा कि साहब गरीबी के चलते वहां आने में मजबूर हूं। बेटे की लाश किसी तरह घर भेज दें तो मेहरबानी होगी। गरीबी से लाचार पिता की बात सुनकर सभी की आंखें नम हो गई।
भूखे छात्रों में बंटवाया बिस्किट
साथी छात्र की मौत के बाद सुबह से भूखे प्यासे छात्रों की हालत देखकर एसओ खोराबार ने पुलिसकर्मी भेजकर बिस्किट मंगवाया और छात्रों के बीच बंटवाया। बिस्किट खाने के बाद भूखे प्यासे छात्रों को राहत मिली।
डीएम ने दी अनुशासन की सीख
शाम को हास्टल पहुंचे डीएम ओएन सिंह और एसएसपी ने छात्रों की समस्याएं सुनीं। दिक्कतों के निराकरण का आश्वासन देते हुए डीएम ने उन्हें अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने दोबारा मारपीट न करने की नसीहत दी। सुविधाओं के अभाव पर डीएम ने कहा कि एक होमगार्ड स्ट्रीट लाइट के नीच पढ़कर आईएएस बन गया। एसएसपी ने मोबाइल पर आए संदेश को सुनाते हुए बताया कि चाय बेचने वाली की बेटी जज बन गयी। अगर अनुशासन में रहकर पढ़ाई पर ध्यान दें तो आप भी बड़े अधिकारी बन सकते हैं। जो दिक्कतें है उन्हें हम जल्द दूर करा देंगे।
हर पखवाड़े कराई जाए जांच
छात्रों ने बताया कि ज्यादातर बच्चे दाद और खुजली से परेशान हैं। डीएम ने एसडीएम चौरीचौरा को बुलाकर निर्देश दिया कि तत्काल सभी बच्चों का डाक्टरी परीक्षण कराकर उन्हें दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही हर पंद्रह दिन पर उनकी नियमित जांच के लिए सीएचसी के डाक्टरों को बुलाकर कैंप कराया जाए। डीएम ने कमियों को मानते हुए छात्रों को आश्वास्त किया कि उन्हें सोने के लिए तख्त, बिस्तर की समुचित व्यवस्थ दी जाएगी। ड्रेस और भोजन भी मीनू के अनुसार मिलेगी ।