आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण में मिली बदहाली, केंद्रों में बच्चे आ रहे न के बराबर : बच्चों को गरम खाना भी नहीं मिल रहा
महेवा, संवादसूत्र : बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की गयी जिसमें आधे से ज्यादा केंद्र बंद पाये गये और जो केंद्र खुले मिले उनके बच्चों की संख्या नाम मात्र थी।
बाल विकास परियोजना अधिकारी महेवा अनुपमा श्रीवास्तव ने परियोजना क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र नगला गिरन्द तथा टिलीयन का निरीक्षण किया। यहां सहायिका मौजूद थी, जबकि कार्यकत्री अनुपस्थित और केंद्रों पर बच्चों की संख्या बहुत ही कम थी। आंगनबाड़ी केंद्र शामला पर ताला लटका मिला, श्रीनगर बलोह केंद्र पर चार बच्चे व सहायिका मौजूद थी जबकि कार्यकत्री अनुपस्थित मिलीं। बहादुरपुर घार गांव के दोनों केंद्र खाली पाये गये और नवादा खुर्द में संचालित केंद्रों पर दो कार्यकत्री अनुपस्थित थी। इन केंद्रों पर मात्र आधा दर्जन बच्चे उपस्थित मिले। आंगनबाड़ी केंद्र बिलैहटी पर ताला लटका मिला वहीं टकरूपुर में कार्यकत्री व सहायिकाएं मौजूद थीं परंतु मात्र 3 बच्चे मौजूद थे।
लखना देहात के रानीपुरा आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटका पाया गया और ग्राम ब्यासपुर में सहायिका उपस्थित व कार्यकत्री अनुपस्थित पायी गयीं। ग्राम धर्मशाला में मौके पर 5 बच्चे मौजूद थे और कार्यकत्री उपस्थित थी, किंतु यहां पोषाहार का सही वितरण नहीं किया जाता है। ग्राम महासिंहपुर में सहायिका व कार्यकत्री उपस्थित थीं, लेकिन मात्र 3 बच्चे मौजूद मिले। आंगनबाड़ी केंद्र नंदपुरा पर सहायिका उपस्थित जबकि कार्यकत्री अनुपस्थित थी तथा केंद्र पर बच्चे नहीं थे।
बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि उन्हें किसी भी केंद्र पर गरम खाना बनते हुए नहीं मिला। उन्होंने कहा कि लापरवाह कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय रोकने तथा बच्चों की संख्या व गरम खाना न बनाने एवं पोषाहार न वितरण करने वाली कार्यकत्रियों के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही की जायेगी। निरीक्षण से स्पष्ट होता है कि क्षेत्रीय सुपरवाइजरों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण नियमित रूप से नहीं किया जाता है जिससे चलते केंद्र बंद रहते हैं। उनकी पहली प्राथमिकता केंद्रों का सही संचालन कराना है।