दुर्बल छात्रों को खोजकर पढ़ाएंगे शिक्षा अधिकारी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : अब 6 से 14 वर्ष आयु तक का एक भी बच्चा आउट आफ स्कूल (स्कूल नहीं जाने वाला) नहीं रहेगा। खंड शिक्षा अधिकारी दुर्बल वर्ग के बच्चों को जो स्कूल नहीं जाते हैं, उन्हें खोजकर पढ़ाएंगे। इसके लिए वे वार्ड के सभासद और संबंधित प्रधानाध्यापकों की भी मदद लेंगे। मंथन के लिए जल्द ही उनकी बैठक भी आयोजित की जाएगी।
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत जिला प्रशासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए जोरशोर से तैयारी शुरू कर दी है। नगर शिक्षा अधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा के अनुसार नए शैक्षिक सत्र में कान्वेंट विद्यालयों में नामांकन के लिए अभिभावकों को बीएसए कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसके लिए जल्द ही विभाग की तरफ से जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए वार्ड के संबंधित सभासद और प्रधानाध्यापकों से संपर्क साधा जा रहा है। बैठक आयोजित कर विस्तार से चर्चा की जाएगी, साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। इस प्रक्रिया की सफलता को लेकर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में सभासद और प्रधानाध्यापकों की तीन सदस्यी समिति भी गठित कर दी गई है। समिति के सदस्य ही दुर्बल वर्ग के छात्रों का चयन करेंगे।
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आवेदन के साथ देना होगा
राशन व बीपीएल कार्ड
बीपीएल श्रेणी में आने वाले अभिभावकों को आवेदन के साथ निवास प्रमाण पत्र या राशन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट या बिजली का बिल या पानी का बिल के अलावा बीपीएल कार्ड, बैंक पासबुक की कापी और आय प्रमाण पत्र आदि प्रस्तुत करना होगा। संबंधित अभिलेखों को तैयार करने में वार्ड के सभासद उनकी पूरी मदद करेंगे।
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वार्ड के कान्वेंट में ही
निश्शुल्क पढ़ेंगे बच्चे
महानगर के जिन वार्डो में परिषदीय विद्यालय नहीं हैं, उन वार्डो में स्थित कान्वेंट स्कूलों में ही गरीब बच्चों का दाखिला कराया जाएगा। वार्ड में कान्वेंट स्कूल में 25 फीसद गरीब बच्चों की संख्या पूरी हो जाने या कान्वेंट स्कूल नहीं होने की दशा में पास वाले वार्ड में मौजूद कान्वेंट स्कूल में बच्चों का दाखिला दिलाया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष दुर्बल वर्ग के 63 छात्रों का नामांकन कराया गया था। नामांकित बच्चे कान्वेंट विद्यालयों में निश्शुल्क पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यालयों को प्रतिपूर्ति के रूप में 450 रुपये उपलब्ध कराया जाता है।
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क्या कहता है कानून
वार्ड में सरकारी विद्यालय नहीं होने पर अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक दृष्टि से पिछड़ा वर्ग एचआइवी पीड़ित, कैंसर पीड़ित और निराश्रित (बेघर) बच्चों को तथा दुर्बल वर्ग के बच्चे (जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम हो) बीएसए कार्यालय में आवेदन कर कान्वेंट में पढ़ सकते हैं।