फतेहपुर : स्कूलों में ‘पांचवां’ पीरियड किताबों के नाम रहेगा, डीएम ने परिषदीय जूनियर स्कूलों में लागू की नई व्यवस्था
फतेहपुर । परिषदीय जूनियर हाईस्कूल स्तर के स्कूलों में अब किताबें बच्चों की दोस्त बनेंगी। वैसे तो बस्ते में भरी किताबें पहले से बच्चों के साथ थीं लेकिन अब लाइब्रेरी में धूल फांक रही पुस्तकें भी बच्चों की हमसफर बनकर उन्हें प्रेरित करेंगी। डीएम राजीव रौतेला ने उच्च प्राथमिक स्तर में पुस्तकालयों को जीवंत करते हुए उन्हें शिक्षण समय में स्थान दिया है।
नई व्यवस्था के मुताबिक अब इन स्कूलों में मध्याह्न अवकाश के तुरंत बाद पांचवा पीरियड पुस्तकालय के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस बेला में बच्चे विभिन्न किताबें पढ़ते नजर आएंगे। डीएम ने परिषदीय स्कूलों के बच्चों का सर्वांगीण विकास की एक और पहल करते हुए समय सारिणी का पांचवा पीरियड पुस्तकालय के नाम कर दिया है।
डीएम की मंशा है कि लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों के जरिए छात्रों में नई प्रेरणाओं का जन्म हो और इनके सहारे वह अपनी जीवन यात्र तय कर सकें। पुस्तकालयों में कोर्स के अतिरिक्त महापुरूषों की जीवनी, कहानी, कथा संग्रह, ज्ञान व विज्ञान की किताबें स्कूली बच्चों को प्रेरित कर सकती हैं। अब शिक्षक पांचवे पीरियड में बच्चों से इन किताबों को पढ़वाएंगे और परेशानी होने पर उनका मार्गदर्शन करेंगे। जो बच्चे बेहतर तरीके से पुस्तक वाचन कर लेते हैं, उन्हें दूसरे बच्चों को भी गाइड करने के लिए कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि परिषदीय स्कूलों में लाइब्रेरी पहले से ही संचालित हैं लेकिन कुछेक मौकों को छोड़कर इनका प्रयोग अपेक्षाकृत कम हो पाता है। कोर्स से सम्बन्धित किताबों में ही उलझने के कारण शिक्षक भी पुस्तकालयों का न तो स्वयं और न ही छात्रों से प्रयोग करा पाते हैं। अब डीएम की पहल से लाइब्रेेरियों को नया जीवन मिलने उम्मीद जगी है। डीएम स्कूलों के निरीक्षण के दौरान भी बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करते दिखते हैं।
परिषदीय स्कूलों के प्रत्येक जूनियर हाईस्कूल में अब पांचवा पीरियड पुस्तकालयों के लिए होगा। इस पीरियड में बच्चे लाइब्रेरी की पुस्तकों से दोस्ती कर उनमे मौजूद संदेशों से प्रेरणा देंगे। शिक्षक इस कार्य में बच्चों का सहयोग और मार्गदर्शन करेंगे। किताबों को पढ़कर बच्चों का मानसिक विकास अधिक तेजी से होगा।
-राजीव रौतेला, जिलाधिकारी