लखनऊ। बर्खास्त शिक्षक को बहाल करने के लिए दस लाख रुपया रिश्वत लेते समय मदरसा प्रबंधक को खलीलाबाद, संतकबीरनगर से गोरखपुर की विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ खलीलाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप है कि पांच अन्य बर्खास्त शिक्षकों से पहले ही दस-दस लाख रुपये वसूल कर वह उन्हें बहाल करा चुका है।
संतकबीरनगर जिले के धनघटा थाना क्षेत्र स्थित मदरसा रिजविया अहले सुन्नत, रुस्तमपुर, शनिचरा बाजार के सहायक अध्यापक (तहतानिया) बदरूद्दीन अंसारी सहित कई अन्य शिक्षकों को प्रबंधन ने वर्ष 2012 में बर्खास्त कर दिया था। अपनी बर्खास्तगी को गलत बताते हुए शिक्षक सेवा में वापस आने के लिए प्रयासरत थे। इसी बीच मदरसे की नई प्रबंध समिति का गठन हुआ। बस्ती जिले के इरशाद अहमद नई प्रबंध समिति के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद पहले से बर्खास्त पांच शिक्षकों को सेवा में वापस ले लिया गया। इसकी जानकारी होने पर बदरुद्दीन अंसारी ने भी अपनी दोबारा बहाली के लिए कोशिश शुरू की। उनके अनुसार उन्हें दोबारा सेवा में लेने के लिए प्रबंधक ने दस लाख रुपये की मांग की। बदले में उनको सेवा में वापस लेने और बर्खास्तगी की अवधि का वेतन भुगतान करने का आश्वासन दिया। रिश्वत मांगने पर प्रबंधक को गिरफ्तार करने की योजना के तहत बदरुद्दीन अंसारी, यह रकम देने को तैयार हो गए। सौदा तय होने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत एसपी विजिलेंस गोरखपुर सेक्टर घनश्याम चौरसिया से की। उन्होंने प्रबंधक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।