गाजीपुर : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बुधवार को एमडीएम में छात्रों को दूध न पिलाना खंड शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाध्यापकों और प्रधानों को भारी पड़ सकता है। एडी बेसिक विजय शंकर मिश्र ने गत 27 जनवरी को यहां के 12 खंड शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी पत्र भेजकर उत्तर दायित्व निर्धारण कर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एमडीएम के तहत सप्ताह में एक दिन छात्रों को दूध पिलाया जाना है। एडी बेसिक ने पाया कि भांवरकोल में जिन विद्यालयों में दूध पिलाया गया उनका प्रतिशत 34.07 है। इसी तरह जमानियां में 48.68, देवकली में 69.96, गाजीपुर नगर क्षेत्र में 54.35, भदौरा में 58.67, मुहम्मदाबाद में 60, सदर में 50, कासिमाबाद में 64.71, मनिहारी में 65.17, सादात में 67.20, सैदपुर में 69.01 तथा जखनियां में 65.99 प्रतिशत विद्यालयों में ही दूध पिलाया गया।
एडी बेसिक ने खंड शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप ¨सह, सुदामा राम,एमपी ¨सह यादव, मनोज शर्मा, ओम प्रकाश, जयराम पाल, राजेश राम, अशोक कुमार, राजेश कुमार यादव, सीताराम ओझा व निर्भय नारायण ¨सह को चेतावनी पत्र देकर कहा है कि मंडलायुक्त की बैठक में यह तय किया गया है कि दूध पिलाने वाले विद्यालयों का प्रतिशत कम से कम 95 प्रतिशत होना चाहिए। जो हालात हैं वह ¨चतनीय है।
इसके लिए जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। पत्र की प्रतिलिपि जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी दिया गया है। दूसरी तरफ प्रधान और प्रधानाध्यापक कनवर्जन कास्ट को लेकर सर्वाधिक परेशान हैं। एक तो प्रतिदिन के लिहाज से यह रकम इतनी कम है कि एमडीएम बनवाना ही भारी पड़ रहा है। उस पर दूध पिलवाने की बाध्यता उन्हें पूरी योजना से भागने के लिए मजबूर कर रही है। अब तो ग्राम प्रधान बीएसए से यह आग्रह भी करने लगे हैं कि उन्हें इस योजना से भी अलग कर दिया जाय।