पीलीभीत : निरीक्षण में गैर हाजिर दिखाने व वेतन भुगतान किए जाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीएसए दफ्तर में प्रदर्शन व हंगामा कर विरोध जताया। शिक्षक संघ पदाधिकारियों व बीएसए के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। इस मामले में मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर समस्या निस्तारण की मांग की गई।
72825 योजना में जनपद के परिषदीय स्कूलों में 1100 शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती की गई, जिन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला। शासन से आदेश हैं कि दो सत्यापन होने के बाद शिक्षक-शिक्षिकाओं को वेतन का भुगतान कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कुछ शिक्षक-शिक्षिकाओं से अवैध उगाही कर वेतन निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसका शिक्षक संघ ने जिला प्रशासन तक विरोध दर्ज कराया। मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ललौरीखेड़ा ब्लाक क्षेत्र के लालपुर व मानपुर स्कूलों में अध्यापनरत लता अंजली दिवाकर, आशारानी, मंजू को निरीक्षण के दौरान गैर हाजिर दर्शा दिया गया। बुधवार को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री उमेश गंगवार के नेतृत्व में शिक्षक संघ पदाधिकारियों व पीड़ित शिक्षिकाओं ने बीएसए अंबरीष कुमार यादव से मुलाकात की। गैर हाजिर करने व 72 हजार भर्ती प्रक्रिया के शिक्षक-शिक्षिकाओं को वेतन भुगतान किए जाने के संबंध में शिक्षक संघ पदाधिकारियों व बीएसए के बीच वार्ता हुई। कुछ देर बाद दोनों पक्षों में काफी तीखी नोकझोंक हो गई। इस दौरान बीएसए कक्ष में कुर्सी मेज भी अव्यवस्थित हो गई। इस वजह से कुछ देर के लिए बीएसए दफ्तर में अफरा तफरी का माहौल बना रहा। शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि वेतन भुगतान के नाम पर शिक्षक-शिक्षिकाओं का वित्तीय उत्पीड़न किया जा रहा है। धनराशि देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन निकाला जा रहा है, जबकि दो सत्यापन वाले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन भुगतान कर दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है। वित्तीय उत्पीड़न किसी भी दशा में नहीं होने दिया जाएगा। शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस दौरान ललौरीखेड़ा इकाई के मंत्री चंद्रमोहन गंगवार, सूरजपाल, संतोष गंगवार, मरौरी इकाई के अध्यक्ष बाबूराम गंगवार, कोषाध्यक्ष पवन सिन्हा आदि शिक्षक संघ पदाधिकारी मौजूद रहे।
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शिक्षक संघ के ये है आरोप
जनपद भर में 1100 शिक्षक-शिक्षिकाओं की 72 हजार भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति हुई हैं। इन शिक्षक-शिक्षिकाओं को तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है। शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि दो-दो हजार रुपए लेकर वेतन निकालने की प्रक्रिया की जा रही है। 800 शिक्षक-शिक्षिकाओं के सत्यापन आ चुके हैं, लेकिन कुछ शिक्षकों के वेतन निकाले जा रहे थे। इसको लेकर विवाद हुआ। शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री व डीएम को भेजे ज्ञापन में कहा है कि बीएसए दफ़्तर में भ्रष्टाचार चरम पर है। अभद्रभाषा का प्रयोग, बदसुलूकी की गई, जो किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं होगी। ¨नदा प्रस्ताव पर अध्यक्ष नरेश गंगवार, उमेश गंगवार, बाबूराम गंगवार, दया शंकर गंगवार, सूरजपाल ¨सह, रामाधार, मोहम्मद तारिक खां आदि के हस्ताक्षर हैं।
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आज खाते में पहुंच जाएगा वेतन
खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षिकाओं को एबसेंट माना गया है। अगर ऐसा नहीं है तो मामले को दिखवाया जाएगा। 400 लोगों के वेतन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो 25 फरवरी तक आनलाइन खातों में भेज दिया जाएगा। किसी भी स्तर से किसी शिक्षक-शिक्षिका से धनराशि नहीं ली जा रही है। दो सत्यापन वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं के वेतन जारी किए जा रहे हैं, जो जल्द ही पूरे हो जाएंगे। धनराशि मांगे जाने का आरोप बेबुनियाद है।
-अंबरीष कुमार यादव, बीएसए पीलीभीत।