मॉडल स्कूलों के निर्माण की टूटने लगी आस : अधिकारियों की उदासीनता और बजट का अड़ंगा, भारत सरकार ने बंद की पुरोनिधानित योजना
🌑 भारत सरकार ने बंद की पुरोनिधानित योजना
🌑 अधर में लटकी स्कूलों के निर्माण की उम्मीदें
🌑 अधिकारियों की उदासीनता और बजट का अड़ंगा
जागरण संवाददाता, अंबेडकरनगर : आधुनिकता की दौड़ में माध्यमिक शिक्षा को स्थान दिलाए जाने का प्रयास धूमिल होता नजर आ रहा है। भारत सरकार की ओर से मॉडल स्कूलों के सिर से हाथ हटा लिया गया है। हालांकि भवन निर्माण के लिए बजट तो मिल चुका है, लेकिन स्कूलों के साज-सज्जा समेत अन्य सुविधाओं से लैस किए जाने में बजट का जुगाड़ अधर में फंस गया है। ऐसे में एक ही डर सताए जा रहा है कि बजट की कमी के चलते कहीं ढ़ांचा बनकर न रह जाए मॉडल स्कूल की उम्मीदें। इसके पीछे अधिकारियों की उदासीनता तथा कार्यदायी संस्था की लापरवाही अहम वजह बनी है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत केंद्र पुरोनिधानित योजना से जिले में चार मॉडल स्कूलों का निर्माण करते हुए केंद्रीय विद्यालय जैसी सुविधाओं एवं संसाधनों समेत शिक्षक तथा शिक्षण व्यवस्था से लैस किया जाना था। इस बेहतरीन मंशा को साकार किए जाने की शुरूआत करते हुए भारत सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2010-11 में स्वीकृति प्रदान की थी।
इसके उपरांत 2011-12 में जिले में चार मॉडल स्कूलों के निर्माण के लिए 12 करोड़ आठ लाख रुपये आवंटित कर दिया था। इसमें विकास खंड अकबरपुर के जाफरगंज में, कटेहरी के पहितीपुर में तथा रामनगर में इसके निर्माण की शुरूआत वर्ष 2011-12 में हुई। इसे गत वर्ष ही पूरा होकर विभाग को सौंपा जाना था। इसमें गत वर्ष शिक्षण सत्र शुरू करने की मंशा थी। जबकि भियांव विकास खंड के ईंधना में मॉडल स्कूला का निर्माण वर्ष 2013-14 में शुरू हो सका। इसके भी पूरा होने का लक्ष्य मार्च 2015 में निर्धारित था।
उम्मीद की जा रही थी की इस साल से शिक्षण सत्र का शुभारंभ इन विद्यालयों में हो सकेगा। उधर कार्यदायी संस्था बजट देने में देरी का हवाला देती रही और निर्माण कार्य पूरा करने में बरती जा रही लापरवाही को लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी खामोशी साधे रहे। निर्माण में विलंब के चलते भारत सरकार से अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बजट नहीं मिल सका।
उधर भारत सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस योजना को बंद कर दिया। इस बारे में राज्य परियोजना निदेशक डॉ. हृषिकेश भाष्कर याशोद ने जिले में पत्र भेजकर अवगत कराते हुए मॉडल स्कूलों में फर्नीचर आदि समेत संसाधनों की खरीद पर रोक लगा दी है। अब शासन स्तर पर होने वाले निर्णय पर मॉडल स्कूलों की उम्मीदें टिकी हैं।
सुरक्षा की गुहार
अंबेडकरनगर : सम्मनपुर थाना क्षेत्र के टंड़वा गांव निवासिनी नाजमा खातून ने पुलिस अधीक्षक से शिकायती पत्र देकर जानमाल की रक्षा की गुहार की है। आरोप है कि विपक्षी जमीनी रंजिश में जान से मारने की धमकी दे रहे है।भियांव विकास खंड कर्े ईधना में निर्माणाधीन मॉडल स्कूल का भवन जागरण-कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण का दस प्रतिशत बजट रोककर संपूर्ण धनराशि दी जा चुकी है। निर्माण कार्य पूरा होने पर कार्यदायी संस्थाओं की ओर से देरी की जा रही है। स्कूलों के लिए फर्नीचर आदि की खरीद के लिए प्रक्रिया गतिमान थी। इसी बीच राज्य परियोजना निदेशक की ओर से रोक लगा दी गई है।
-इंद्रजीत यादव, जिला समन्वयक , राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ,अंबेडकरनगर