शिक्षक,बच्चे मौजूद पर पढ़ाई नहीं
बस्ती : देश की प्राथमिक शिक्षा में सुधार हो। सरकार इस मुद्दे पर दशकों से विचार कर रही है। लेकिन यह सुधार कैसे होगा, इस पर कभी ईमानदारी से नहीं सोचा गया। शनिवार को जागरण ने प्राथमिक विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान देखा कि कहीं बच्चे खेल रहे थे कहीं आपस में लड़ने में व्यस्त थे। स्कूल में कहीं पर बच्चे पढ़ते नहीं मिले।
दोपहर 1.20 बजे कन्या प्राथमिक विद्यालय जामडीह प्रथम में सहायक अध्यापिका चंद्रकला देवी बच्चों को संभालते मिलीं। विद्यालय में किसी भी कमरे में कक्षाएं चलती नहीं मिली। बच्चे भी अलग-अलग स्थान पर खेलते हुए मिले। छात्र क्या कर रहे हैं, यह देखने वाला कोई नहीं था। पूछने पर बताया कि उनके विद्यालय में 111 बच्चे अध्ययनरत हैं। शनिवार को 58 बच्चे उपस्थित थे। कहा कि अकेले कक्षा एक से पांच तक के सभी छात्रों को कैसे संभालेंगी। प्रधानाध्यापिका एक महीने से छुट्टी पर चल रही हैं। दोपहर 1.35 बजे प्राथमिक विद्यालय जामडीह द्वितीय में भी बच्चे खेलते मिले। स्कूल में अध्ययनरत 30 छात्रों में से 18 उपस्थित थे। छात्र-छात्राएं अपना बैग लाइन से जमीन पर रखकर विद्यालय परिसर में ही खेलने में मगन थे। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनका भविष्य कहां जा रहा है। वे विद्यालय में पढ़ने के लिए आते हैं लेकिन उन्हें कोई शिक्षा नहीं मिलती। सहायक अध्यापक वेद प्रकाश पाडेंय एक छात्र को कुछ जानकारी देते हुए मिले। उन्होंने बताया कि विद्यालय में पढ़ाई होती है। अभी इंटरवल हुआ है। इस कारण छात्रों को खेलने के लिए छोड़ दिया गया है। दोनो विद्यालयों में मीनू के अनुसार मध्याहन भोजन पकाया गया था। बच्चे खाना खा चुके थे। इन विद्यालयों में छात्र संख्या कम होने के सवाल पर वहीं मौजूद कुछ अभिभावकों ने कहा कि बच्चे यहां भोजन के ही चक्कर में आते हैं। भोजन करने के बाद अधिकांश घर भागने के चक्कर में रहते हैं। इस बात के लिए उन अभिभावकों को चौकस होना चाहिए जिनके बच्चे यहां पढ़ रहे हैं।