अब परिषदीय स्कूलों में अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राएं भी मिड-डे-मील से वंचित नहीं रहेंगे। वजह, शिक्षा विभाग अब स्कूल से गैरहाजिर छात्रों को भी घर बैठे मिड-डे-मील देगा। इसके लिए विभाग ने बजट बनाकर स्वीकृति के लिए सरकार को भेज दिया है। विभाग और सरकार की इस पहल से हर गरीब परिवार केच् बच्चों को भोजन मिलेगा, वहीं स्कूलों में मिड-डे-मील में हो रहा गोलमाल पर प्रतिबंध लगेगा।
शासन तथा शिक्षा विभाग शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद में है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वालों को नि:शुल्क किताबें, यूनिफार्म और मिड-डे-मील दिया जाता है। सरकारी की मिड-डे-मील की योजना में जनप्रतिनिधि व शिक्षक बच्चों के हक पर डंडी मार रहे थे। यानी स्कूलों में गैरहाजिर छात्र इससे वंचित रह जाते थे। अब स्कूल जाने और नहीं आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील मिलेगा। अफसरों के अनुसार मुख्याध्यापक अनुपस्थित छात्रों को खाद्यान उपलब्ध कराएंगे।
- परिषदीय स्कूलों में चलती हैं फर्जी उपस्थिति
जनपद के अधिकांश परिषदीय स्कूलों के रजिस्टर में छात्रों की संख्या कहीं ज्यादा है और कक्षा में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 33-35 फीसदी रहती है। यह खेल स्कूलों के मुख्याध्यापक और ग्राम प्रधान तथा शहरों में एनजीओ और सभासद मिलकर खेलते हैं। इन अनुपस्थित छात्रों के हिस्से का मिड-डे-मील शिक्षक व जनप्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार का निवाला बन जाता है। कई बार बीएसए और खंड शिक्षाधिकारियों के निरीक्षण में इसका खुलासा हो चुका है।
- इतना मिलता है छात्र-छात्राओं को मिड-डे मील
जिला समन्वयक के अनुसार परिषदीय स्कूलों में कक्षा पांच तक के छात्र-छात्राओं को 100-100 ग्राम तथा जूनियर हाईस्कूल के छात्रों को 150-150 ग्राम खाद्यान दिया जाता है। वहीं प्राइमरी स्तर पर एक छात्र को 150 मिलीलीटर तथा जूनियर स्तर पर 200 मिलीलीटर दूध मिलता है। यह दूध सप्ताह में सिर्फ बुधवार को ही स्कूलों में वितरित होता है।
बोले अफसर..
चालू शैक्षिक सत्र में बनाए जा रहे आगामी बजट में स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के संख्या के आधार पर बजट बनाया गया है। सरकार से स्वीकृति मिलते ही सभी छात्रों को मिड-डे-मील वितरण किया जाएगा।
- राशु कुमार, जिला समन्वयक
- परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति शतप्रतिशत करने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों निर्देश दे रखे है। सरकारी मांग पर बजट बनाकर भेज दिया गया है।
- राजेश कुमार श्रीवास्तव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बिजनौर।