कानपुर, जागरण संवाददाता: दो वर्ष पहले सन् 2014 में एलटी ग्रेड भर्ती प्रक्रिया में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति शुरू हुई थी लेकिन अब तक 30 फीसदी शिक्षकों की भर्ती भी नहीं की जा सकी है। फर्जीवाड़े ने भर्ती प्रक्रिया की रफ्तार पर रोक लगा रखी है। इसके अलावा जिनकी नियुक्ति हुई थी उनका फर्जीवाड़ा खुलने से दोबारा उनके पद रिक्त हो गये हैं।
कानपुर मंडल में सहायक अध्यापकों के 261 पदों के लिए एक लाख 81 हजार आवेदकों ने फार्म भरे थे। काउंसिलिंग के जरिये मेरिट के आधार पर भर्ती की बात कही गयी थी। 2015 में दो बार जांच के दौरान 13 अभ्यर्थियों के अंक पत्र फर्जी निकले। इस फर्जीवाड़े के चलते प्रक्रिया को कुछ दिन रोका गया। नवंबर में फिर से हिम्मत जुटाकर काउंसिलिंग करायी गई। मार्च में जांच के दौरान 10 सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां निरस्त कर दी गईं। इसके चलते जिन विद्यालयों में इनकी तैनाती हुई थी, वहां पद फिर रिक्त हो गये। दो साल होने वाले हैं और केवल 71 नियुक्ति हो सकी हैं। अब भी 261 में से 190 पद खाली हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में अब भी शक के आधार पर 15-16 अभ्यर्थियों की जांच चल रही है।
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सत्यापन के बाद अंक पत्रों की जांच सबसे मुश्किल काम है। जिस तरह से मार्कशीट फर्जी निकल रही हैं। उसे देखकर किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता। पूरी जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है। प्रक्रिया पूरी करने को लेकर जो निर्देश मिलेंगे, उनका पालन किया जायेगा।
- राजेंद्र प्रसाद, संयुक्त शिक्षा निदेशक