लखनऊ। यह हुई बुजुर्गों की हैप्पी होली। उत्तर प्रदेश में अब उनके लिए योग शिविर लगेंगे। साथ ही उनके मानसिक स्वास्थ्य की चिंता भी की जाएगी। समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी वरिष्ठ नागरिक नीति के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दस मंत्रियों की समिति गठित की जाएगी। विद्यालयों में हर साल एक अक्टूबर को दादा-दादी एवं नाना-नानी दिवस मनाया जाएगा।
सरकार ने बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम व अनाथाश्रम एक ही परिसर में खोलने का निर्णय किया गया है ताकि उन्हें एकाकीपन न महसूस हो। केजीएमयू लखनऊ के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन एजिंग एंड जेरियाट्रिक मेंटल हेल्थ को बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य की चिंता के लिए नोडल सेंटर के रूप में मान्यता दी गयी है। नर्स व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को पढ़ाई के दौरान ही बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य की चिंता करना सिखाया जाएगा। मेडिकल कालेजों में इसके लिए अलग विंग स्थापित होंगी। हर जिले में विशेष योग शिविर लगेंगे, जिनमें घरेलू उपचार व एक्यूप्रेशर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक परिषद का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया जाएगा। मंत्रियों और मुख्य सचिव आदि के साथ ही शासन द्वारा नामित तीन मंडलायुक्त, पांच जिलाधिकारी, स्वैच्छिक संगठनों के पांच प्रतिनिधि, मीडिया के दो प्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक संगठनों के दो प्रतिनिधि भी इस परिषद के सदस्य होंगे।